बारामती/नई दिल्ली। भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वह दुस्साहस जारी रखेगा तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि सीमा पार से हमलों का जवाब पूरे साहस के साथ दिया जा रहा है।
जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान के संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं तेज होने को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं से घिरे मोदी ने कहा कि इस मुद्दे को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए क्योंकि इससे सीमा पर संघर्ष कर रहे जवानों का मनोबल गिरता है। पाकिस्तान ने संघर्ष विराम उल्लंघन जारी रखते हुए जम्मू कश्मीर के 90 भारतीय गांवों पर गोलाबारी की है। उधर मोदी ने कहा-दुश्मन ने समझ लिया है कि वक्त बदल गया है और उसकी पुरानी आदतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष की आलोचनाओं का जवाब देते हुए कहा-लोग मेरे इरादों के बारे में जानते हैं और मुझे उन्हें शब्दों में बयां करने की जरूरत नहीं है। जहां जवानों को बोलना होता है, वे ट्रिगर दबाकर बोल रहे हैं और वे इसी तरह बोलते रहेंगे। आज जब सीमा पर गोलियां चलाई जा रहीं हैं तो दुश्मन कराह रहा है। हमारे जवानों ने हमलों का जवाब साहस के साथ दिया है।
राकांपा प्रमुख और पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार के गढ़ बारामती में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा-ऐसे मुद्दे राजनीतिक बहस का हिस्सा नहीं होने चाहिए। चुनाव आएंगे और जाएंगे, सरकारें आएंगी और चली जाएंगी लेकिन कृपया राजनीतिक फायदे के लिए इस विषय पर बहस करके सीमा पर लड़ने वालों का मनोबल नहीं गिराएं।
दिल्ली में रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा-इन हमलों में स्पष्ट रूप से पाकिस्तान आक्रमण करने वाला रहा है। लेकिन उसे समझ लेना चाहिए कि हमारा प्रतिरोध प्रमाणिक होगा। अगर पाकिस्तान का दुस्साहस जारी रहेगा तो हमारे बल ऐसी प्रतिक्रिया देंगे कि उनका जवाब देना उसके बूते के बाहर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत का संदेश पाकिस्तान पहुंच गया है और अगर पाकिस्तान गोलीबारी और गोलाबारी जारी रखता है तो भारत का कड़ा जवाब भी जारी रहेगा।
पाकिस्तानी रेंजर्स ने बुधवार पूरी रात 192 किलोमीटर लंबी सीमा पर गोलेबारी की। संघर्ष विराम उल्लंघन के कारण करीब 30,000 लोग विस्थापित हो गए हैं और एक अक्तूबर से हो रहे हमलों में आठ लोगों की मौत हो गई और 80 अन्य घायल हो गए। घायलों में नौ सुरक्षाकर्मी शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को नई दिल्ली में पाकिस्तान के उप-उच्चायुक्त को तलब किया था और संघर्ष विराम उल्लंघन को लेकर भारत की तरफ से विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि इससे द्विपक्षीय संबंधों में मदद नहीं मिलेगी। इससे एक दिन पहले ही पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में भारतीय उप-उच्चायुक्त को बुलाकर डिमार्शे जारी किया था। बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने जम्मू में कहा-पाकिस्तानी रेंजर्स ने बुधवार रात पौने नौ बजे से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ की चौकियों पर बिना उकसावे के मोर्टार से गोलेबारी और भारी स्वचालित हथियारों से गोलीबारी जारी रखी। जेटली ने कहा कि अगर पाकिस्तान सीमा पर अमन-चैन चाहता है तो उसे यह सब बंद कर देना चाहिए। पाकिस्तान को बिना उकसावे के गोलीबारी और गोलाबारी बंद करनी होगी। जब तक यह जारी रहेगा, तब तक शांति कैसे हो सकती है।
दोनों देशों के नेताओं के बीच बातचीत की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि जब गोलीबारी जारी रहेगी तो बातचीत कैसे हो सकती है। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत जिम्मेदार देश है जो आक्रमण करने वाला नहीं बल्कि अपनी जनता और जमीन की पूरी तरह रक्षा करने के लिए जिम्मेदार है। हमारे बल हमारी जनता और भूमि की रक्षा करने के लिए हरसंभव कदम उठा रहे हैं। मोदी और जेटली दोनों ने हालात से निपटने को लेकर सरकार की आलोचना कर रहे विपक्षी नेताओं पर पलटवार किया।
मोदी ने सीमा पर तनाव की स्थिति में महाराष्ट्र में चुनावी रैलियां करने की अपनी आलोचना पर पवार पर निशाना साधते हुए कहा-जब आप रक्षा मंत्री थे, तो सीमा पर पाकिस्तान और चीन के साथ समस्याएं थीं। क्या तब आपने कभी सीमा पर जाने की जहमत उठाई थी। आपके कार्यकाल में महाराष्ट्र में आतंकवादी हमले हुए। मुंबई, मालेगांव, पुणे में। आप आतंकवादियों तक पहुंच नहीं सके, उन्हें पकड़ने की बात तो छोड़ दीजिए। हमने देशभक्ति की भावना में कभी मुद्दे को राजनीतिक नहीं बनाया।
जेटली ने भी संघर्ष विराम उल्लंघनों को लेकर सरकार की आलोचनाओं पर विपक्ष को घेरा। उन्होंने कहा-उन्हें कम से कम पता होना चाहिए कि हमारे बल सीमाओं की सुरक्षा के लिए किस हद तक जा रहे हैं। पाकिस्तान के संघर्षविराम का उल्लंघन और चीनी घुसपैठ को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर हमला किया और उसकी नीतियों पर सवाल खड़े किए।
जेटली ने पवार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वे रक्षा मंत्री रह चुके हैं और उन्हें ज्यादा जानकारी होनी चाहिए। हमले तेज करने के पीछे पाकिस्तान के मकसद के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने कहा कि वे अटकलें नहीं लगाएंगे लेकिन गोलीबारी घुसपैठ को आड़ देने के लिए की जा रही हो सकती है। यह तनाव बढ़ाने की कोशिश भी हो सकती है। हमारे बलों के पास केवल एक विकल्प है और वह है पुख्ता जवाब देना।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में बाढ़ आने के बाद से गोलीबारी में कई आतंकवादी मारे गए हैं, जो और अधिक आतंकियों को भारत की सरजमीं पर भेजने की पाकिस्तान की कोशिश का सबूत है। जब उनसे पूछा गया कि पाकिस्तान अभी यह क्यों कर रहा है तो उन्होंने कहा कि यह सवाल सीमा के उस पार लोगों से पूछा जाना चाहिए।