दादरी में एक व्यक्ति की पीट पीटकर हत्या किए जाने की घटना के बाद हरियाणा में दलित परिवार पर हमले को लेकर बुधवार को प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी की नई जंग छिड़ गई। राहुल गांधी ने इसे प्रधानमंत्री, भाजपा और आरएसएस के इस रवैए का नतीजा बताया कि अगर कोई कमजोर है तो उसे कुचला जा सकता है।

यहां यह उल्लेखनीय है कि भाजपा के सहयोगी और केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने दलित परिवार के दो बच्चों की मौत के लिए हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहराए जाने की मांग की। राज्य के सोनपेड गांव में कथित रूप से ऊपरी जाति के लोगों ने एक दलित परिवार के घर को आग लगा दी थी जिसमें दो बच्चों की मौत हो गई और उनके माता पिता झुलस गए।

बिहार के महागठबंधन के नेताओं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने इस हमले को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और उनसे पूछा कि वह लोग कहां हैं जो यह दावा किया करते थे कि उनकी पार्टी को सत्ता मिल गई तो सब कुछ ठीक हो जाएगा।

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नीतीश और लालू की आलोचना का जवाब देते हुए भाजपा नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दोनो नेताओं पर घटना को लेकर नकली आंसू बहाने का आरोप लगाया, जिसके पीछे उनकी नजर बिहार विधानसभा चुनाव में दलितों के बड़े वोट बैंक पर है। ध्यान रहे कि बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए पांच दौर का मतदान चल रहा है।

उन्होंने ट्वीट की एक श्रृंखला में कहा, ‘‘फरीदाबाद की घटना निंदनीय है, लेकिन राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कितनी आसानी से भुला दिया कि बिहार में उनकी पार्टी के 15 साल के शासन में सैकड़ों दलितों का नरसंहार हुआ।’’

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दलित परिवार से मिलने के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘‘यह प्रधानमंत्री, राज्य के मुख्यमंत्री और पूरी भाजपा तथा आरएसएस का साझा रवैया है। उनका रवैया है कि अगर कोई कमजोर हैं तो उसे कुचला जा सकता है। आपने जो देखा वह इसी रवैए का नतीजा है।’’

पासवान ने हमले के लिए हरियाणा की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘‘कानून और व्यवस्था पर पूरी तरह से राज्य सरकार की जवाबदेही है…हालांकि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों को संवैधानिक संरक्षण हासिल है, लेकिन यह मामला पूरी तरह से राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।

लालू प्रसाद ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मैंने मांग की थी कि मोदी और गुरू गोलवरकर की दलित विरोधी किताबों को जला दिया जाए, लेकिन उनके शासन में तो दलितों को ही जलाया जा रहा है।’’

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प्रसाद ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘भाजपा और आरएसएस शासन में आरक्षण खत्म करने के साथ ही आरक्षण का लाभ लेने वालों को आग के हवाले किया जा रहा है।’’

नीतीश ने भी इस घटना पर राजग सरकार को आड़े हाथों लिया। नीतीश ने ट्वीट किया, ‘‘इस वीभत्स घटना से स्तब्ध हूं। अब कहां है वो लोग जिन्होंने दावा किया था ‘हमारी सरकार बना दो सब ठीक हो जाएगा’।

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सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में राजद शासन के 15 वर्ष के दौरान अरवल जिले के लक्ष्मणपुर बाथे गांव में 58 दलितों का नरसंहार हुआ, 21 अन्य भोजपुर जिले के बथानी टोला गांव में एक अन्य नरसंहार में मारे गए और 34 लोग औरंगाबाद जिले के मियापुर गांव में मारे गए।

भाजपा नेता ने याद दिलाया, ‘‘दिसंबर 1997 के लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार ने तो देश को इस कदर झकझोर दिया था कि तत्कालीन राष्ट्रपति (के.आर. नारायण) ने इसे ‘‘राष्ट्रीय शर्म’’ करार दिया था।

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