तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने शनिवार को आरोप लगाया कि त्रिपुरा के धलाई जिले में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा किये गए हमले में पश्चिम बंगाल के उसके दो नेता घायल हो गए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोपों का खंडन करते हुए दावा किया कि त्रिपुरा में टीएमसी की कोई हैसियत नहीं है और वह पूर्वोत्तर के इस राज्य में ”राजनीतिक हिंसा का वायरस” फैला रही है, जहां ”बाहरी” परेशानी पैदा कर रहे हैं।

पुलिस ने कहा कि अंबासा में अज्ञात उपद्रवियों के समूह ने दो लोगों पर हमला कर उनके वाहन को आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया। तृणमूल प्रवक्ता देबांग्शु भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि पार्टी नेता सुदीप राहा और जया दत्ता अंबासा में भाजपा कार्यकर्ताओं के हमले में घायल हो गए, जब वे उत्तरी त्रिपुरा जिले के धर्मनगर जा रहे थे।

भट्टाचार्य ने कहा पत्रकारों से कहा, ”उपद्रवियों ने उस कार पर हमला किया, जिसमें मैं भी बैठा था।उन्होंने लाठी और घातक हथियारों से हमला किया और वाहन पर पत्थर फेंके। उनके कृत्य से पता चलता है कि उन्हें राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में हार का अहसास हो गया है।”

घटना के फौरन बाद, भाजपा और टीएमसी समर्थकों का आमना-सामना हुआ और उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग 8 पर 500 मीटर की दूरी पर सड़क जाम कर दी, जिसके बाद पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने और स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। धर्मनगर में कुछ उद्घाटन कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद अगरतला लौटते समय मुख्यमंत्री बिप्लब देब को सड़क जाम का सामना करना पड़ा। 

हाल ही में टीएमसी में शामिल हुए त्रिपुरा बीजेपी के पूर्व उपाध्यक्ष सुबल भौमिक के नेतृत्व में टीएमसी कार्यकर्ता शुक्रवार रात धर्मनगर के बटारसी इलाके में भगवा पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा टीएमसी कार्यालय में कथित रूप से तोड़फोड़ किये जाने का विरोध कर रहे थे।

पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने कहा, ”टीएमसी त्रिपुरा में हिंसा भड़का रही है। वे नाटक कर रहे हैं। पूर्वोत्तर राज्य में कोई भी टीएमसी को ज्यादा महत्व नहीं देता है।” पश्चिम बंगाल भाजपा के उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने आरोप लगाया कि टीएमसी शांतिपूर्ण त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा का ”वायरस” फैला रही है, जहां ”बाहरी” लोग परेशानी पैदा कर रहे हैं।