उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओम प्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है। इसका ऐलान उन्होंने 27 अक्टूबर को पार्टी के 19वें स्थापना दिवस के मौके पर किया। इस दौरान मऊ में आयोजित हुई एक रैली में सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी मौजूद रहे।

सपा-सुभासपा के बीच गठबंधन के क्या हैं सियासी मायने: बता दें कि यूपी में राजभर समुदाय की आबादी अनुमानित तौर पर लगभग 3 फीसदी तक है। हालांकि यह कहने को छोटा अनुपात भले ही हो लेकिन पूर्वी यूपी में इस समुदाय का राजनैतिक असर काफी है। दरअसल उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में कई सीटें ऐसी हैं जहां इस समाज की आबादी का वोटर के रूप में अच्छा प्रभाव है। ऐसे में सपा चाहेगी कि सुभासपा के आधार वोट उसे मिले और नतीजों में उसकी सीटें बढ़ें।

इन जिलों में अच्छी पकड़: वाराणसी, गाजीपुर, मऊ, बलिया, आजमगढ़, जौनपुर, देवरिया, गोरखपुर, बस्ती, गोंडा, सिद्धार्थ नगर, संत कबीर नगर, महाराजगंज, मिर्जापुर, अयोध्या, श्रावस्ती, बहराइच, कुशीनगर और सुल्तानपुर।

सिर्फ राजभर तक ही नहीं सीमित: सुभासपा का आधार सिर्फ राजभर समुदाय तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका प्रभाव चौहान, पाल, प्रजापति, विश्वकर्मा, भर, मल्लाह और विश्वकर्मा जैसे अन्य सबसे पिछड़े वर्गों (एमबीसी) तक भी फैला हुआ है। बता दें कि पूर्वी यूपी के 18 जिलों की 90 सीटों में से लगभग 25-30 सीटें ऐसी हैं जहां राजभरों की संख्या अधिक है। जिनमें से कुछ में तो इनकी संख्या 1 लाख तक है।

2017 में भाजपा को मिला था फायदा: बता दें कि ओम प्रकाश राजभर 2017 विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन में थे। हालांकि इसका फायदा भी भाजपा को मिला। गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने विधानसभा की 403 सीटों में से 325 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं इसमें सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने आठ सीटों पर चुनाव लड़ा था और चार पर जीत हासिल की थी।

फिलहाल अब 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर ओपी राजभर समाजवादी पार्टी के साथ हैं। ऐसे में पूर्वी यूपी में प्रभाव रखने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को लेकर सवाल है कि जिस तरह से उनके आधार वोट भाजपा को ट्रांसफर हुए, क्या सपा के खाते में जाएंगे?

हालांकि पार्टी के महासचिव अरुण राजभर ने दावा किया, “भाजपा को इस बार यूपी में 100 से कम सीटें मिलेंगी। हमारे वोट निश्चित रूप से सपा को ट्रांसफर किए जाएंगे और अखिलेश यादव अगले सीएम होंगे।”