दक्षिणपंथी संगठन श्री राम सेना के विजयपुरा जिले के अध्यक्ष राकेश मठ को पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की जांच करने वाली एसआईटी टीम ने सवाल पूछने के लिए बुलाया है। लेकिन वह अभी तक आया नहीं है। ये बातें शनिवार को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहीं। हालांकि इस अपराध में अपनी भूमिका से इंकार करते हुए मठ ने एक कन्नड़ न्यूज चैनल को बयान दिया था। राकेश मठ ने कहा था,”मुझे एक नोटिस ये कहते हुए मिला है कि जांच के लिए मेरी मौजूद रहना जरूरी है।”
उसने आगे कहा कि वह आरोपी शूटर परशुराम वाघमारे का दोस्त है और बाद में उसकी गिरफ्तारी ने उसे चौंका दिया। उसे इसके बारे में तब पता चला जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। जांच अधिकारियों ने मठ को तब नोटिस भेजा था, जब उन्हें पुलिस से पता चला कि उसके संबंध दक्षिणपंथी संगठन से हैं। सूत्रों के मुताबिक, वाघमारे का कर्नाटक में आपराधिक रिकॉर्ड है। वह दक्षिणपंथी संगठन श्रीराम सेना के उन छह लोगों में शामिल था, जिन्होंने 2012 में सिंधगी कस्बे में पाकिस्तानी झंडा फहराकर सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश की थी।
एसआईटी के एक अधिकारी ने कहा कि टीम ये पता करना चाहती है कि क्या मठ लंकेश की हत्या में शामिल था? या फिर उसने वाघमारे को लंकेश की हत्या के लिए उकसाया था? टीम ये मानती है कि राम सेना के जिला अध्यक्ष का तटीय इलाकों में बड़ा समर्थक वर्ग मौजूद है। उसके प्रभाव वाले इलाकों में मंगलुरु और उत्तरी कर्नाटक के कुछ हिस्से आते हैं। समन पर प्रतिक्रिया देते हुए श्रीराम सेना के संस्थापक और प्रमुख प्रमोद मुथालिक ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा,”परशुराम का संगठन से कोई संबंध नहीं है। मुझे नहीं पता कि उसने एसआईटी से क्या कहा है? बहुत से लोग हैं जिन्होंने मेरे साथ फोटो खिंचवाई है। लेकिन ऐसा करने से कोई हमारा कार्यकर्ता नहीं हो जाता है।

पाकिस्तानी झंडा फहराने के मामले में मुथालिक ने ऐसी रिपोर्ट से इंकार किया है कि वाघमारे श्री राम सेना से जुड़ा हुआ है। इसके बजाय मुथालिक ने कहा,”वाघमारे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्यकर्ता है। श्री राम सेना का नहीं। मैंने आरएसएस की वर्दी में उसकी तस्वीर साझा की थी। मैंने उसी वक्त कहा था कि वह हमारा कार्यकर्ता नहीं है। लेकिन राकेश मठ हमारे जिलाध्यक्ष हैं। हालांकि संगठन का अपना संविधान है जिसके मुताबिक ये काम करता है। अगर कोई अलग से कोई काम करता है तो इसके लिए संगठन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।” वहीं वाघमारे के पिता अशोक वाघमारे ने दूसरी तरफ दावा किया कि उनका बेटा निर्दोष है। हालांकि उन्हें याद नहीं है कि अपराध वाले दिन यानी 5 सितंबर को उनका बेटा कहां था, लेकिन कन्नड़ न्यूज चैनल को दिए बयान में उन्होंने कहा,”मुझे लगता है कि वह घर पर था।”