documentary film ‘Ram Ke Naam’, SFI, ABVP: एसएफआई ने भाजपा सर्मिथत एबीवीपी पर आंबेडकर विश्वविद्यालय के कश्मीरी गेट परिसर में हो रही डॉक्यूमेंट्री की स्क्रींनिंग में बाधा उत्पन्न करने और समारोह में जातीय टिप्पणियां करने का आरोप लगाया है।‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआई) ने ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद’ (एबीवीपी) पर समारोह स्थल पर तोड़फोड करने का आरोप भी लगाया है। दूसरी ओर, पुलिस ने कहा कि उसके पास ऐसी किसी घटना की जानकारी नहीं है।
एसएफआई ने शुक्रवार को ‘राम के नाम’ डॉक्यूमेंट्री की स्क्रींनिंग का आयोजन किया था। इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर एबीवीपी का कहना है कि इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिन्दू परिषद की नकारात्मक छवि प्रर्दिशत की गई है। भाजपा सर्मिथत एबीवीपी ने तोड़फोड़ के सभी आरोपों से इनकार कर दिया है। वहीं एसएफआई की आंबेडकर विश्वविद्यालय इकाई ने कहा कि आनंद पटवर्धन की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रींनिंग हैदराबाद विश्वविद्यायल के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए की जा रही थी, जिन्हें यह डॉक्यूमेंट्री दिखाने के लिए हिरासत में लिया गया है।
उसने कहा, ‘‘एबीवीपी के उपद्रवी समारोह स्थल के अंदर घुस आए और स्क्रींनिंग को बाधित करने की कोशिश की। उन्होंने जातीय टिप्पणियां भी कीं और कहा कि वे स्क्रींनिंग नहीं होने देंगे।’’ एसएफआई ने कहा कि उसने स्क्रींनिंग करने से पहले सारी आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी कर ली थी। एबीवीपी के पदाधिकारी ने कहा, ‘‘डॉक्यूमेंट्री में आरएसएस और विहिप को आतंकवादी संगठनों के रूप में दिखाया गया है। हमारी इकाई ने स्क्रींनिंग के खिलाफ प्रदर्शन किया जो हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है। हमने कोई तोड़फोड़ या हिंसा नहीं की।’’