पूर्णबंदी के मद्देनजर पलायन कर रही भारी भीड़ को देखते हुए सीमाओं को सील करने का आदेश जारी होने के बाद दिल्ली पुलिस लोगों को उम्मीद के साथ वापस भेज रही है। कुछ को दिल्ली सरकार के अस्थाई केंद्रों पर तो कुछ को उनके इलाकों में भेजा जा रहा है।
पुलिस का कहना था कि मजदूरों को पूरा वेतन मिलेगा और उन्हें कोई भी मकान मालिक किराए के लिए तंग नहीं करेगा। पुलिस का यह भी कहना था कि दिल्ली में 144 धारा लागू है और देश भर में पूर्णबंदी के मद्देनजर किसी को भी आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा हुआ है अलबत्ता जो भी व्यक्ति कानून अपने हाथ में लेगा उसके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली में पूर्णबंदी के बाद से ही प्रवासी मजदूरों का पलायन जारी है। कोरोना वायरस के मद्देनजर जब लोगों को एक दूसरे से हर वक्त उचित दूरी बना कर रखने की अपील की जा रही है, वहीं एक साथ हजारों की संख्या में मजदूरों के इकट्ठा होने से संक्रमण का खतरा भी बढ़ रहा है। पलायन के कारण बिगड़े हालात को काबू में करने के लिए दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने रविवार सुबह सख्त आदेश दिया कि दिल्ली से उत्तर प्रदेश जाने वाले प्रवासियों की बड़ी आबादी की आवाजाही को पूरी तरह से रोका जाए। इसके लिए अतिरिक्त बल की जरूरत हो तो उनका भी प्रयोग किया जाए।
उन्होंने आदेश दिया कि रेलवे ट्रैक और मेट्रो स्टेशन के आसपास किसी तरह की आवाजाही नहीं होनी चाहिए। मालूम हो कि प्रवासियों की बड़ी आबादी रेलवे ट्रैक के माध्यम से पैदल की अपने गांवों को निकल रही है। उनकी आवाजाही को भी पूरी तरह से बंद करने के आदेश दिए गए हैं।
पुलिस आयुक्त ने आदेश में स्पष्ट लिखा है कि सभी थाने के एसएचओ, एसीपी और जिला उपायुक्त आला अधिकारियो के साथ इलाकों में गश्त करेंगे। इस दौरान उनके साथ गश्त करने वाली गाड़ियां भी होंगी, जिनसे लगातार इस बात की घोषणा करवाई जाएगी। आयुक्त एसएन श्रीवास्तव के निर्देश मिलते ही दिल्ली के गाजीपुर से आनंद विहार बस अड्डे पर खड़ी भीड़ को हटाने का काम शुरू कर दिया गया।
पुलिस ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश के लोगों को बसों पर बैठाकर कुछ को उनके घरों के इलाकों में और कुछ को दिल्ली सरकार के बनाए गए अस्थाई केंद्रों पर पहुंचा दिया गया। वहां भीड़ इस कदर थी कि पुलिस को व्यवस्था संभालने में पसीने छूट रहे थे। अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि सुबह छह बजे से रात आठ बजे तक दिल्ली सीमा पर यूपी गेट के रास्ते करीब पांच लाख लोगों ने पलायन किया है।

