बीते गुरूवार को महान कवि संत गुरु कबीर दास की जयंती देशभर में धूमधाम से मनाई गई। इसी मौके पर लोकप्रिय कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट करते हुए कहा कि बाबर-अकबर मिट जाते हैं लेकिन कबिरा फिर भी रह जाता है। कवि कुमार विश्वास के इस ट्वीट पर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। एक सोशल मीडिया यूजर ने प्रतिक्रिया देते कहा कि दोनों शासकों के नाम पर रोड हैं लेकिन संत के नाम पर नहीं है।
गुरूवार को कुमार विश्वास ने संत कबीर जयंती पर ट्वीट करते हुए लिखा कि “बाबर अकबर मिट जाते हैं, कबिरा फिर भी रह जाता है।” हम भारत भूमि के वासी धन्य हैं जो उसी धरा पर जन्मे-पले जहां काशी और मगहर का अंतर मिटाने वाले कबीर ने जन्म लिया। अपनी अलमस्त फकीरी का ताज पहन तीनों लोकों की समृद्धि को लजाने वाले महात्मा कबीर को उनकी जयंती पर अशेष प्रणाम।
“बाबर अकबर मिट जाते हैं, कबिरा फिर भी रह जाता है”
हम भारत भूमि के वासी धन्य हैं जो उसी धरा पर जन्मे-पले जहाँ काशी और मगहर का अंतर मिटाने वाले कबीर ने जन्म लिया। अपनी अलमस्त फकीरी का ताज पहन तीनों लोकों की समृद्धि को लजाने वाले महात्मा कबीर को उनकी जयंती पर अशेष प्रणाम। pic.twitter.com/8xPlQuwWf3— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) June 24, 2021
कुमार विश्वास के इस ट्वीट पर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कबीर को याद किया। एक सोशल मीडिया यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा कि हमारे यहां बाबर और अकबर के नाम पर रोड हैं लेकिन कबीर के नाम पर कोई सड़क नहीं है। यहां कबीर के नाम पर बाबा रामपाल है। वहीं युगल तिवारी नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि कबीर को समझ पाने वाले निराले इस ज़माने में बहुत कम हैं।
इसके अलावा भानुराज मीना नाम के एक यूजर ने लिखा कि कबीर आज होते तो अपनी लेखनी की वजह से, अपने विचारों की वजह से और अपने सवालों की वजह से जेल में होते। परन्तु कबीर आज के समय की जरूरत है। वहीं एक यूजर ने कबीर के दोहे की कुछ पंक्तियों को शेयर करते हुए लिखा कि ऐसे दोहों के बाद भी कबीर को उस समय जेल में नहीं डाला गया लेकिन अभी रहते तो जरूर जेल जाते और मुक़दमे भी झेलते।
गुरूवार को प्रधानमंत्री मोदी समेत कई शख्सियतों ने संत कबीर की जयंती पर उनको याद किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट से मगहर स्थित संत कबीर दास के निर्वाण स्थल का फोटो भी साझा किया। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि संत कबीर दास जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। उन्होंने न केवल सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार किया, बल्कि दुनिया को मानवता और प्रेम का संदेश दिया। उनका दिखाया मार्ग हर पीढ़ी को भाईचारा और सद्भावना के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा।

