आरबीआई ने पंजाब एंड महाराष्ट्र कॉ-ऑपरेटिव (PMC) बैंक पर 6 माह के लिए ऑपरेश्नल प्रतिबंध लगा दिया है। इस अवधि के दौरान बैंक किसी को लोन भी नहीं दे सकेगा और बैंक के खाताधारक इस अवधि के दौरान बैंक से सिर्फ 10,000 रुपए ही निकाल सकेंगे। गौरतलब है कि पीएमसी बैंक का कॉरपोरेट ऑफिस मुंबई में भानदुप स्टेशन के नजदीक बनी बिल्डिंग ड्रीम्स मॉल में स्थित है। जिस बिल्डिंग में पीएमसी बैंक का ऑफिस है, उसे वाधवा द्वारा प्रमोटेड हाउसिंग डेवलेपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) द्वारा विकसित किया गया है। हालांकि बैंक और HDIL कंपनी के बीच का संबंध इससे भी आगे का है।

बैंक की हालत के पीछे HDIL के प्रमोटर!: पीएमसी बैंक, कंपनी के लिए इन-हाउस बैंकर के रुप में काम कर रहा था। बता दें कि HDIL कंपनी इन दिनों नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के सामने दिवालिया प्रक्रिया का सामना कर रही है। पीएमसी बैंक के चेयरमैन वर्यम सिंह 9 साल एचडीआईएल कंपनी के बोर्ड में शामिल रहे हैं। उन्होंने साल 2015 में निदेशक पद से इस्तीफा दिया था।

इसके साथ ही कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वर्यम सिंह के साल 2015 में HDIL कंपनी में 1.91 प्रतिशत शेयर भी थे। वहीं दीवान हाउसिंग फाइनेंस (DHFL) के चेयरमैन रहे राजेश वाधवा भी पीएमसी बैंक के बोर्ड में शामिल रह चुके हैं।

खास बात ये है कि जब HDIL कंपनी दिवालिया प्रक्रिया का सामना कर रही थी, उस दौरान पीएमसी बैंक द्वारा कंपनी को 96.50 करोड़ रुपए का लोन दिया गया था। हालांकि बैंक के एमडी जॉय थॉमस का कहना है कि बैंक के पास राकेश वाधवा के बेटे और एचडीआईएल कंपनी के वाइस चेयरमैन और एमडी सारंग वाधवा की निजी गारंटी के साथ ही जमानत राशि पर्याप्त मात्रा में जमा है।

बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, बैंक ने रियल एस्टेट, कंस्ट्रक्शन बिजनेस और हाउसिंग के लिए 984.69 करोड़ रुपए का एडवांस दिया है। वहीं बैंक सूत्रों के अनुसार, एक्सपोजर इससे कहीं ज्यादा करीब 1500-2500 करोड़ होने का अनुमान है।

भाजपा से भी जुड़ रहे तारः आरबीआई द्वारा पीएमसी बैंक पर प्रतिबंध लगाने के बाद इस धांधली के तार भाजपा नेताओं के साथ भी जुड़ रहे हैं। दरअसल बैंक के एक निदेशक रजनीत सिंह, बैंक में सह-निदेशक के पद पर हैं और मुंबई के मुलुंड से 4 बार भाजपा विधायक रह चुके हैं। रजनीत खुद भी भाजपा के सदस्य हैं और आगामी विधानसभा चुनावों में टिकट पाने के दावेदार हैं। रजनीत सिंह के अलावा बैंक के 12 अन्य निदेशकों का भी भाजपा से जुड़ाव बताया जा रहा है। हालांकि रजनीत सिंह का कहना है कि बैंक में हुई गड़बड़ के साथ उनका कोई लेना-देना नहीं है।