प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महेंद्र सिंह धोनी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के बाद लिखे पत्र में कहा कि दो बार के विश्व कप विजेता व पूर्व क्रिकेट कप्तान नए भारत के परिचायक हैं जिसमें परिवार के नाम से किस्मत नहीं लिखी जाती। मोदी ने पत्र में लिखा, ‘आप नए भारत की भावना के महत्वपूर्ण उदाहरणों में से एक हैं जिसमें युवाओं की तकदीर परिवार के नाम से नहीं लिखी जाती। वे खुद अपना नाम और भाग्य बनाते हैं।’
मोदी ने यह भी लिखा कि सिर्फ एक खिलाड़ी के तौर पर धोनी का आकलन अन्याय होगा क्योंकि उनका प्रभाव असाधारण रहा है। उन्होंने लिखा, ‘महेंद्र सिंह धोनी नाम सिर्फ आंकड़ों या मैच जिताने में भूमिकाओं के लिए याद नहीं रखा जाएगा। सिर्फ एक खिलाड़ी के तौर पर उनका आकलन ज्यादती होगी।’
प्रादेशिक सेना में मानद् लेफ्टिनेंट कर्नल धोनी ने प्रधानमंत्री को प्रशंसा के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘एक कलाकार, सैनिक या खिलाड़ी प्रशंसा ही चाहता है। वह यही चाहता है कि उसकी मेहनत और बलिदान को पहचान और प्रशंसा मिले। आपकी प्रशंसा और शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी।’
प्रधानमंत्री ने लंबे पत्र में धोनी के शांतचित्त रवैये की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपकी हेयरस्टाइल क्या है। आपका शांत रवैया हार और जीत में समान रहा जो हर युवा के लिए काफी अहम है।’
उन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों और विकेटकीपरों में शामिल करते हुए मोदी ने कहा, ‘कठिन परिस्थितियों में आप भरोसेमंद साबित हुए और मैच को जीत तक ले जाने की आपकी शैली लोगों की यादों में पीढ़ियों तक रहेगी, खासकर 2011 विश्व कप फाइनल।’
उन्होंने लिखा, ‘एक छोटे शहर के साधारण परिवार से आने के बाद आप राष्ट्रीय स्तर पर चमके और अपना नाम रोशन करने के साथ भारत को गौरवान्वित किया जो सबसे महत्वपूर्ण है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि धोनी की कामयाबी और व्यवहार करोड़ों युवाओं को ताकत और प्रेरणा देता है जो उनकी तरह बड़े स्कूलों या कॉलेजों में नहीं पढ़े या बड़े परिवारों से नहीं है लेकिन उनमें इतनी प्रतिभा है कि उच्चतम स्तर पर अलग पहचान बना सकें।’
उन्होंने जोखिम लेने की क्षमता और उन्हें सफल बनाने के लिए भी धोनी की तारीफ करते हुए टी20 विश्व कप 2007 का उदाहरण दिया जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल के आखिरी ओवर में धोनी ने नए मध्यम तेज गेंदबाज जोगिंदर शर्मा को गेंद सौंपी थी।

