प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन के महाकाल मंदिर में 10 अक्टूबर, 2022 की शाम पूजा की। उनका उज्जैन दौरा महाकाल लोक कॉरिडोर का उद्घाटन करने के लिए है। मोदी आज ‘श्री महाकाल लोक’ राष्ट्र को समर्पित करेंगे। परियोजना के तहत मंदिर परिसर का करीब सात गुना विस्तार किया जाएगा। पूरी परियोजना की कुल लागत लगभग 850 करोड़ रुपये है।
उज्जैन महाकाल मंदिर के लिए मशहूर है। यहां मान्यता है कि उज्जैन के राजा महाकाल हैं। इसी के साथ यह मान्यता भी जुड़ गई है कि कोई सीएम, पीएम यहां रात में रुकेगा तो उसकी कुर्सी नहीं बचेगी। मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री रहते हुए रात में उज्जैन में रुके थे। सुबह उनकी सरकार गिर गई थी। कुछ ऐसा ही बीएस येदियुरप्पा के साथ हुआ। हालांकि, उनकी सीएम की कुर्सी उज्जैन में रात्रि प्रवास के कुछ दिन बाद गई। लेकिन, उसे भी उज्जैन में रात्रि प्रवास से जोड़ दिया गया।
हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में कैबिनेट की बैठक की थी तो उन्होंने एक कुर्सी पर महाकाल की तस्वीर रखी थी और कहा था कि यहां के राजा महाकाल ही हैं।
बता दें कि कुछ इसी तरह की मान्यता उत्तर प्रदेश के नोएडा को लेकर भी बन गई थी कि नोएडा आने वाला कोई सीएम दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बनता है। हालांकि, बीजेपी के योगी आदित्य नाथ ने इस मान्यता को झुठला दिया। नोएडा देश की राजधानी दिल्ली से सटा है। यूपी के मुख्यमंत्री दिल्ली आकर भी नोएडा आने से बचा करते थे।
खास बात है कि महाकाल मंदिर के नवनिर्मित गलियारे में 108 स्तंभ बनाए गए हैं। 910 मीटर का ये पूरा महाकाल मंदिर इन स्तंभों पर टिका होगा। गलियारे के लिए दो भव्य प्रवेश द्वार-नंदी द्वार और पिनाकी द्वार बनाए गए हैं। यह गलियारा मंदिर के प्रवेश द्वार तक जाता है। देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक यहां महाकालेश्वर मंदिर में स्थापित है।