प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दलितों पर अत्याचार करने वालों पर यह कहते हुए करारा प्रहार किया कि ‘अगर आप गोली मारना चाहते हैं तो मुझे मार दीजिए। लेकिन मेरे दलित भाइयों पर हमला बंद करो।’ दलितों पर हमले और गोरक्षकों के मुद्दे पर अपने और भाजपा पर विपक्ष के तीखे प्रहार का सामना कर रहे मोदी ने समाज में तनाव व संघर्ष पैदा करने की कोशिश करने को लेकर ‘फर्जी’ गोरक्षकों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने राज्य सरकारों से इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आह्वान किया।
हैदराबाद में भाजपा कार्यकर्ताओं की एक बैठक में भावुक अपील करते हुए उन्होंने लोगों से कहा कि वे दलितों की रक्षा और सम्मान करें जिनकी समाज ने लंबे समय से उपेक्षा की है। कथित हिंदू संगठनों द्वारा दलितों पर हमले के संवेदनशील मुद्दे पर प्रधानमंत्री की चुप्पी को लेकर लगातार सवाल खड़ा किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि मैं इन लोगों से कहना चाहता हूं कि अगर आपको कोई समस्या है, अगर आपको हमला करना है तो मुझ पर हमला करिए। मेरे दलित भाइयों पर हमले बंद करिए। अगर आपको गोली मारनी है तो मुझे गोली मारिए, लेकिन मेरे दलित भाइयों को नहीं। यह खेल बंद होना चाहिए।
दलितों पर हमले की निंदा के लिए मोदी का हैदराबाद का चयन इस मायने में अहम है कि उनकी सरकार इसी शहर में दलित शोधछात्र रोहित वेमूला की आत्महत्या के बाद विपक्ष के निशाने पर आ गई थी। वेमूला की आत्महत्या ने देश के कई हिस्सों में विश्वविद्यालयों में आक्रोश पैदा कर दिया था। मोदी ने बिना किसी खास घटना का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ घटनाएं संज्ञान में आती हैं तो ‘बहुत दुख’ होता है। उन्होंने कहा, ‘दलितों की रक्षा करना और उनका सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी होनी चाहिए।’
उन्होंने सवाल किया कि ऐसे लोगों को दलितों का शोषण करने का कौन सा अधिकार प्राप्त है और कहा कि समाज में एकता ही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा- मैं जानता हूं कि यह समस्या सामाजिक है। यह उन पापों का परिणाम है जो हमारे समाज में घर कर गए हैं। परंतु हमें अतिरिक्त सावधानी बरतने और समाज को ऐसे खतरे से बचाने की जरूरत है। मोदी ने कहा कि समाज को जाति, धर्म और सामाजिक हैसियत के आधार पर बंटने नहीं देना चाहिए। ऐसे मुद्दों का राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करने वालों की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि इनका राजनीतिकरण समस्या को विकराल ही बनाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग इस सामाजिक समस्या का हल चाहते हैं, उनसे मैं ऐसी राजनीति छोड़ने का आग्रह करता हूं जो समाज को बांटती हो। विभाजनकारी राजनीति से देश का कोई भला नहीं होगा। इससे पहले दिन में उन्होंने कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद तेलंगाना के गजवेल में उन्होंने एक जनसभा में गोरक्षकों की जमकर खिंचाई की। मोदी ने कहा कि मैं हर किसी से कहना चाहता हूं कि इन फर्जी गोरक्षकों से सावधान रहें। इन मुट्ठी भर गोरक्षकों का गाय संरक्षण से कोई लेना…देना नहीं है बल्कि वे समाज में तनाव और टकराव पैदा करना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा कि गोरक्षा के नाम पर ये फर्जी गोभक्त देश की शांति और सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। मैं चाहता हूं कि असली गोरक्षक उनका (फर्जी गोरक्षकों) भंडाफोड़ करें, राज्य सरकारों को उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
गोरक्षकों, जिनमें से कुछ ने गुजरात में मृत गायों की खाल उतारने पर दलितों की पिटाई की थी, की पहली सार्वजनिक निंदा करते हुए मोदी ने शनिवार को दिल्ली में कहा था कि उन्हें ऐसे असामाजिक तत्वों पर बड़ा क्रोध आता है जो रात में अपराध करते हैं और दिन में गोरक्षक होने का नाटक करते हैं। मोदी ने जहां गोरक्षकों की निंदा की, वहीं उनकी सुरक्षा पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि गाय कभी बोझ नहीं हो सकती। गाय के मूत्र और गोबर का प्रयोग खेती में किया जाता है।
उन्होंने कहा कि गाय को देश के आर्थिक विकास से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत विविधता का देश है। मोदी ने कहा कि देश की एकता और अखंडता की रक्षा करना हमारी मुख्य जवाबदेही होनी चाहिए। इसको पूरा करने के लिए देश के हर व्यक्ति को गाय की रक्षा और सेवा करनी चाहिए। इस तरह की सेवा से राष्ट्र का वैभव बढ़ता है…यह देश के लिए समस्या पैदा नहीं करता। लेकिन फर्जी गोरक्षक समाज और देश का नुकसान कर रहे हैं। हमें ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। इन लोगों को दंडित करने की जरूरत है। तभी हम देश को ऊंचाइयों पर ले जा सकेंगे।
विपक्षी पार्टियों ने फर्जी गोरक्षकों के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दिए गए बयान को ‘सरासर पाखंड’ करार देते हुए आरोप लगाया कि गोरक्षा के नाम पर ‘आतंक’ फैला रहे लोग उन्हीं के ‘वैचारिक हमसफर’ हैं। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने पिछले साल हुए दादरी कांड पर मोदी की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाया और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री का रवैया चयनात्मक है।