रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी के पुणे दौरे के दौरान लोगों के काले कपड़े उतरवाने को लेकर अब पुलिस की तरफ से सफाई दी गई है। दरअसल पुणे स्थित एमआईटी कॉलेज में प्रवेश करने वाले लोगों को काले रंग की कमीज, मास्क, मोजे उतरवाने को लेकर पुणे के पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने सफाई में कहा है कि काले झंडों को अनुमति नहीं देने के संबंध में इस तरह के निर्देश दिए गए थे।
उन्होंने कहा, ”निर्देश को लेकर शायद कुछ भ्रम हुआ था। क्योंकि निर्देश में परिधानों को लेकर नहीं बल्कि काले झंडे और काले रंग के कपड़े के टुकड़े के बारे में कहा गया था।” बता दें कि पीएम मोदी ने इस दौरान कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया था। वहीं इससे पहले शहर में कई जगहों पर विरोध-प्रदर्शन के साथ नारे भी लगाए गए थे।
बता दें कि प्रधानमंत्री के दौरे से पहले कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह पर धरना-प्रदर्शन किया था। दरअसल कार्यकर्ताओं का आरोप था कि प्रधानमंत्री मोदी ने अन्य राज्यों में कोविड महामारी के प्रसार का कारण महाराष्ट्र को बताकर, राज्य का अपमान किया। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने ‘गो बैक मोदी’ की तख्तियां ली हुई थीं। इसी के चलते माना जा रहा है कि पीएम मोदी के कार्यक्रम स्थल पर काले रंग के झंडों को लेकर निर्देश जारी किये गये थे।
बता दें कि पीएम मोदी एक दिवसीय यात्रा पर पुणे पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मेट्रो रेल के खंड, छत्रपति शिवाजी महाराज की एक प्रतिमा, प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण को समर्पित एक गैलरी और सिम्बायोसिस विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन किया। बता दें कि पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन और उनके आदर्शों को महान प्रेरणा का स्रोत बताया।
गौरतलब है कि शिवाजी महाराज की मूर्ति 1850 किलोग्राम गन मेटल से बनी है और इसकी लगभग साढ़े 9 फीट ऊंची है। इसके साथ ही उन्होंने पुणे मेट्रो रेल परियोजना की आधारशिला 24 दिसंबर 2016 को रखी थी। जिसकी लंबाई कुल 32.2 किमी है। वहीं इसमें करीब 11,400 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है।