लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा जारी है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत की है और जमकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। जिसके बाद सरकार की ओर से निशिकांत दुबे ने बात रखी है। 

सदन की शुरुआत से पहले यह माना जा रहा था कि राहुल गांधी चर्चा की शुरुआत करने वाले हैं। लेकिन जब गौरव गोगोई खड़े हुए तो भाजपा सांसदों की ओर से कहा गया कि शुरुआत तो राहुल गांधी करने वाले थे। बीजेपी ने पूछा, ‘पांच मिनट में क्या बदल गया, हम उन्हें सुनने के लिए उत्साहित थे।’ प्रह्लाद जोशी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल गांधी चर्चा की शुरूआत करने वाले थे और इसको लेकर स्पीकर को लेटर दिया गया था तो आखिर क्यों वह नहीं बोल रहे हैं? 

इसके बाद विपक्षी सांसद भड़क गए।  गौरव गोगोई ने प्रह्लाद जोशी को जवाब देते हुए कहा, “हम भी यह बताएं कि स्पीकर के दफ्तर के अंदर प्रधानमंत्री क्या-क्या कहते हैं, क्या हम बताएं?”

अमित शाह ने कहा-बताया जाना चाहिए


प्रह्लाद जोशी ने गौरव गोगोई के चर्चा शुरू करते ही कहा, “क्या हुआ सर हम उनके भाषण का इंतजार कर रहे थे, सुबह 11.55 बजे पत्र आया तो क्या हुआ, हम समझना चाहते हैं कि 5 मिनट में क्या हुआ, समस्या क्या है, हम राहुल गांधी को सुनने के लिए बहुत उत्साहित हैं।”

प्रह्लाद जोशी को जवाब देते हुए गोगोई ने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ स्पीकर बैठक में क्या चर्चा होती है, हम कभी नहीं पूछते।” गोगोई की टिप्पणी के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ”आपको बताना चाहिए कि ऐसी क्या बात होती है, यह एक गंभीर आरोप है। स्पीकर साहब उन्होंने आपका और प्रधान मंत्री का नाम लिया है।” इसके बाद स्पीकर ओम बिरला कार्यवाही को चलाने का आदेश दिया। 

गौरव गोगोई की स्पीच की अहम बातें 

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भाजपा सरकार पर कई कड़े प्रहार किए। कांग्रेस सांसद ने कहा कि विपक्षी गुट I.N.D.I.A. मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मौन व्रत” को तोड़ने के लिए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। 

लोकसभा में प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत करते हुए, गोगोई ने आरोप लगाया कि एक सरकार जो “एक भारत” की बात करती है, उसने दो मणिपुर बनाए हैं – एक पहाड़ियों में और दूसरा घाटी में।

गोगोई ने कहा,“प्रधानमंत्री ने संसद में न बोलने का मौन व्रत ले रखा है। इसलिए उनकी चुप्पी तोड़ने के लिए हमें अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा.’ हमारे पास उनसे तीन सवाल हैं – 1) वे आज तक मणिपुर क्यों नहीं गए? 2) आख़िरकार मणिपुर पर बोलने में लगभग 80 दिन क्यों लग गए और जब वे बोले तो सिर्फ़ 30 सेकंड के लिए? 3) पीएम ने अब तक मणिपुर के सीएम को बर्खास्त क्यों नहीं किया?