देश में चार ईसाई संगठनों सहित कुछ छह गैर सरकारी संस्थाओं (NGO) के विदेशी चंदा लेने पर रोक लगा दी गई है। दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस साल Foreign Contribution Regulation Act (FCRA) के तहत इन छह एनजीओ का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है, जिनमें से चार क्रिस्चियन एसोसिएशन हैं।

साथ ही कम से कम दो अमेरिकी दान दाता भी मंत्रालय के शक के घेरे में हैं कि वे भारत के एनजीओ और समूहों को फंडिंग करते हैं या नहीं। यह जानकारी अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ को एक वरिष्ठ सरकारी अफसर ने दी।

उनके हवाले से रिपोर्ट में कहा गया, “भारतीय संघों के संबंध में Seventh Day Adventist Church और Baptist Church सहित अमेरिकी-आधारित दान दाताओं के प्रभाव के बारे में चिंताएं जताई गई हैं। फिलहाल जांच चल रही है।”

जिन चार ईसाई समूहों का FCRA सस्पेंड किया गया है, उनमें झारखंड का Ecreosoculis North Western Gossner Evangelical, मणिपुर का Evangelical Churches Association (ECA), झारखंड का Northern Evangelical Lutheran Church और मुंबई स्थित New Life Fellowship Association (NLFA) शामिल हैं।

हालांकि, इनका एफसीआरए क्यों सस्पेंड किया? फिलहाल इसका कारण स्पष्ट नहीं किया है। बता दें कि किसी भी गैर-सरकारी संस्था को विदशी चंदा पाने के लिए FCRA लाइसेंस की जरूरत होती है।

Vishwa Hindu Parishad (VHP) की युवा इकाई Bajrang Dal ने अप्रैल और सितंबर में पिछले साल मुंबई में NLFA द्वारा आयोजित प्रेयर मीटिंग में खलल डाली थी। हिंदू संगठनों का आरोप था कि बैठक तो धार्मिक बातचीत के नाम पर बहाना थी। बाद में इस बाबत पुलिस को शिकायत सौंपी गई थी।

गृह मंत्रालय के डेटा के हवाले से आगे खबर में आगे यह भी बताया गया कि एनएलएफए का एफसीआरए लाइसेंस 10 फरवरी को निलंबित किया गया था। वहीं, एएनएफए की वेबसाइट के मुताबिक, भारत में इस संगठन ने मिशनरीज के आने (न्यूजीलैंड के न्यू लाइफ चर्चेज से साल 1964 में) के बाद 1960 के आस-पास संचालन शुरू किया था।

‘द हिंदू’ ने एनएलएफए से जब लाइसेंस के सस्पेंशन के बारे में ई-मेल कर पूछा तो उधर से कोई जवाब नहीं आया। अखबार को इसी तरह अन्य संगठनों ने सरकार द्वारा लिए गए एक्शन पर कोई जवाब नहीं दिया।