प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह दो देशों की विदेश यात्रा पर रवाना हो गए। अपनी इस यात्रा के दौरान मोदी आयरलैंड और अमेरिका का दौरा करेंगे। मोदी, पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद आयरलैंड जाने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। 60 साल बाद भारत से कोई प्रधानमंत्री आयरलैंड की यात्रा पर जा रहा है।
मोदी आज संक्षिप्त यात्रा पर आयरलैंड की राजधानी डबलिन पहुंचेंगे, जहां उनकी मुलाकात वहां के ताओसीच (प्रधानमंत्री) एंडा कैनी से होगी। पंडित नेहरू 1949 और 1956 में आयरलैंड गये थे। आयरलैंड में भारतीय समुदाय से भी उनकी मुलाकात और बातचीत होगी। वहां करीब 25 से 30 हज़ार प्रवासी भारतीय रहते हैं। मोदी ने उम्मीद जतायी कि उनकी यात्रा से भारत एवं आयरलैंड के बीच आर्थिक संबंध और दोनों देशों के नागरिकों के बीच रिश्ते मज़बूत होंगे।
मोदी इसके बाद न्यूयॉर्क सिटी के लिए रवाना हो जायेंगे और स्थानीय समयानुसार कल शाम वहां पहुंचेंगे। वह वहां संयुक्त राष्ट्र महासभा के 70वें अधिवेशन को संबोधित नहीं करेंगे। वह संयुक्त राष्ट्र सतत विकास शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे। संयुक्त राष्ट्र महासभा को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज संबोधित करेंगी।
प्रधानमंत्री ने अपने वक्तव्य में कहा कि मैं ऐसे ऐतिहासिक क्षण में अमेरिका जा रहा हूं, जब संयुक्त राष्ट्र अपनी 70वीं वर्षगांठ मना रहा है। भारत ने हमेशा से ही संयुक्त राष्ट्र को बहुत महत्व दिया है। मैंने जुलाई में संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे और सुधार के विषय में भारत के विचारों को रेखांकित करते हुए 193 देशों की सरकार के प्रमुखों को पत्र लिखा था। मुझे खुशी है कि कई देशों के प्रमुखों ने मेरे पत्र का जवाब दिया और हमारे विचारों की प्रशंसा की। संयुक्त राष्ट्र की 7वीं वर्षगांठ सुधार पर चर्चा करने के लिए उपयुक्त समय है।
इस साल भारत न्यूयार्क में जी4 के नेताओं के सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है, जिसका मुख्य एजेंडा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में होने वाले सुधार हैं। मोदी न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित सतत विकास सम्मेलन के अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की मेजबानी में शांति स्थापित करने के मसले पर आयोजित सम्मेलन में भी शरीक होंगे।
भारत के एक लाख 80 हजार से अधिक सैनिकों ने संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में हिस्सा लिया है। अपनी विदेश यात्राओं में दशकों पुराने निर्वात को भरने की प्रधानमंत्री मोदी की कवायद उनकी आगामी अमेरिका यात्रा में भी दिखायी देगी। भारतीय प्रधानमंत्री 33 साल बाद अमेरिका के पश्चिमी तट पर जाएंगे और आईटी की दुनिया में झंडे गाढ़ चुके भारतीय प्रतिभाओं से मातृभूमि की सेवा का आह्वान करेंगे।
उन्होंने बताया कि वह फेसबुक के मुख्यालय जाएंगे और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग के साथ टाउनहाल संवाद में हिस्सा लेंगे, जहां वह वैश्विक एवं भारत खासकर अर्थव्यवस्था एवं समाज से जुड़े विषयों पर चर्चा करेंगे। उन्होंने प्रवासियों से कार्यक्रम में आने का भी अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि वह गूगल के परिसर का भी दौरा करके उसके नये तकनीकी नवाचार खासकर गूगल कार को भी देखेंगे। वह टेस्ला कार के परिसर भी जाएंगे। इसके अलावा स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय एवं यूएसडीओसी के साथ नवीकरणीय ऊर्जा राउंडटेबल सम्मेलन में भी भाग लेंगे।
वह ‘इंडिया यूएस स्टार्टअप कनेक्ट’ में भाग लेंगे, जिसमें भारत की नवोन्मेषण क्षमताओं का प्रदर्शन किया जाएगा। प्रधानमंत्री 27 सितंबर को सिलीकॉन वैली के नाम से विख्यात सेन जोस में भारतीय समुदाय से रूबरू होंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय समुदाय ने भारत अमेरिका के संबंधों को मज़बूत बनाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। हमें भारतीय समुदाय की उपलब्धियों पर गर्व है, जिसने दोनों समाजों के लिये योगदान दिया।
उन्होंने विश्वास जताया कि उनकी यात्रा से विश्व के सबसे पुराने और विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच रिश्ता और प्रगाढ़ बनेगा। मोदी अमेरिका की यात्रा के दौरान वह कई वैश्विक नेताओं, बड़े निवेशकों और वित्त क्षेत्र की कंपनियों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेंगे।