तमिलनाडु की मुख्‍यमंत्री जयललिता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए दिल्‍ली आई हैं। लगातार दूसरी बार मुख्‍यमंत्री बनने के बाद जयललिता की यह पहली दिल्‍ली यात्रा है और पहली बार ही वह पीएम मोदी से मिली हैं।  खबरों के अनुसार इस मुलाकात के दौरान जीएसटी बिल को लेकर चर्चा हुई।  वहीं जयललिता ने जीएसटी पर समर्थन के बदले तमिलनाडु के लिए वित्‍तीय सहायता, मछुआरों से जुड़ी योजना और राजीव गांधी के हत्‍यारों को रिहा करने की मांग रखी।

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तमिलनाडु गहरे कर्ज के तले दबा हुआ है। इसका एक बड़ा कारण जयललिता की फ्री की योजनाएं भी हैं। उन्‍होंने चुनाव प्रचार के दौरान भी कई फ्री योजनाओं का एलान किया। बता दें कि मंगलवार(14 जून) को ही जीएसटी बिल को लेकर राज्‍यों के वित्‍त मंत्रियों की बैठक हुई थी। बैठक के बाद वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि तमिलनाडु को छोड़कर सभी राज्‍य जीएसटी के समर्थन में हैं। माना जा रहा है कि पीएम मोदी के साथ बैठक के बाद तमिलनाडु भी इस बिल का समर्थन करेगा। मोदी और जयललिता के संबंध अच्‍छे हैं। दोनों पार्टियां भले ही एक दूसरे ही सहयोगी न हो लेकिन मोदी और जया के अच्‍छे रिश्‍तों के कारण ही लोकसभा उपाध्‍यक्ष का पद अन्‍नाद्रमुक के सांसद थम्‍बीदुरई को दिया गया था।

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पिछले दिनों खबर आई थी कि अन्‍नाद्रमुक भाजपा नेतृत्‍व वाले एनडीए में शामिल हो सकती है। अन्‍नाद्रमुक के पास राज्‍य सभा में 12 सांसद हैं। इससे राज्‍य सभा में भाजपा को बड़ी मदद मिल सकती है। अगर अन्‍नाद्रमुक जीएसटी पर भाजपा के साथ आती है तो य‍ह बिल हो जाएगा। क्‍योंकि ममता बनर्जी पहले ही इस बिल को समर्थन दे चुकी है। ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के राज्‍य सभा में 12 सांसद हैं। पिछले दिनों मोदी सरकार ने चेन्‍नई मेट्रो के लिए अतिरिक्‍त फंड जारी किया था। इस पर जय‍ललिता ने प्रधानमंत्री मोदी को धन्‍यवाद दिया था।

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पिछले साल दोनों के बीच चेन्‍नई में मुलाकात हुई थी। उस समय जयललिता ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए पीएम मोदी को अपने पॉश गार्डन स्थित बंगले पर बुलाया था। उस समय भी जया ने अपनी मांगें पीएम मोदी के सामने रखी थी।

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