प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि सरकार का संचालन एक टीम वर्क है और इसमें सामूहिकता की भावना का बड़ा महत्व होता है। उन्होंने बुधवार को अपने सहयोगी मंत्रियों को सुझाव दिया कि हर मंत्री अपने विभाग के अलावा दूसरों के विभाग के बारे में भी जानकारी रखे। शासन संबंधी दूसरे मुद्दों को भी जानने से सरकार के कामकाज में सुगमता आती है।

सरकार के सुधार के एजेंडे के अनुरूप, बुधवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक के लिए स्वायत्त निकायों को युक्तिसंगत बनाने और कुछ छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने सहित कई प्रस्तुतियों को सूचीबद्ध किया गया था। लगभग चार घंटे चली बैठक के दौरान कुल पांच प्रस्तुतियां पेश की गईं।

अपने मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समय के साथ बदलाव का भी सुझाव दिया। कहा कि सभी मंत्री अपने मंत्रालय के उन निरर्थक कानूनों का पता लगाएं जिनका कोई उपयोग नहीं है और उन्हें हटाने को लेकर आगे बढ़ें। कहा कि वे सभी सरकारी योजनाओं के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन के लिए हरसंभव कदम सुनिश्चित करें।

सरकार नियमित अंतराल पर केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठकें आयोजित करती है, जहां शासन से संबंधित व्यापक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाती है। इन बैठकों में, पूर्व-निर्धारित नीतिगत विषयों पर प्रस्तुतियां दी जाती हैं। इसके बाद सरकार की समग्र दक्षता में सुधार पर विचार-विमर्श किया जाता है। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से कहा कि वे अपने संबंधित मंत्रालयों को आंवटित बजट का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित करें। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि उन्हें शासन संबंधी मुद्दों पर चर्चा के लिए छह सप्ताह में एक बार अवश्य मिलना चाहिए।

सूत्रों ने बैठक के एजेंडे का हवाला देते हुए कहा कि बुधवार की बैठक में पांच विषय थे – प्रत्येक जिले में 75 ‘अमृत सरोवर’, 2022-23 की बजट घोषणाओं का कार्यान्वयन, स्वायत्त निकायों को युक्तिसंगत बनाना, छोटे अपराधों का अपराध की श्रेणी से बाहर करना और क्षमता निर्माण आयोग।

अमृत सरोवर पहल सरकार के जल संरक्षण उपायों का हिस्सा है। इस कार्यक्रम के तहत देश की आजादी के 75वें वर्ष का जश्न मनाने के लिए ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के हिस्से के रूप में प्रत्येक जिले में 75 जल निकायों का विकास और कायाकल्प किया जाएगा।