अयोध्या में रामजन्म भूमि पर बन रहे भव्य मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी का भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा करेंगे। इसके ठीक एक महीने बाद ही प्रधानमंत्री एक और मंदिर का उद्घाटन करेंगे। यह मंदिर मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में बन रहा है। बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था की ओर से बनाए जा रहे इस मंदिर की ऊंचाई 108 फीट है। इस विशाल मंदिर के बनने में लगभग 700 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। यह पश्चिम एशिया का सबसे बड़ा मंदिर होगा।
10 लाख 80 हजार ईंटों का किया गया उपयोग
इस मंदिर को बनाने में 10 लाख 80 हजार से ज्यादा ईंटों का उपयोग किया गया है। इसके अलावा 40 हजार घनमीटर संगमरमर और एक लाख अस्सी हजार घनमीटर सैंडस्टोन लगाया गया है।
प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया उद्घाटन का निमंत्रण
बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर के उद्घाटन करने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। संस्था की ओर से स्वामी ईश्वरचरणदास और स्वामी ब्रह्मविहरिदास के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें 14 फरवरी को मंदिर के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री ने उनका निमंत्रण स्वीकार कर लिया है।
दूसरी तरफ अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में भगवान राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा की पूरी तैयारी हो चुकी है। 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री अयोध्या में बनाए गए नए अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री अयोध्या में एक रोडशो भी करेंगे। अयोध्या में राम मंदिर में भगवान की मूर्ति का चयन शुक्रवार को होगा।
श्री राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने गुरुवार को जिले के शीर्ष अधिकारी के साथ राम जन्मभूमि पथ और परिसर पर चल रहे निर्माण कार्य का जायजा लिया। यह निरीक्षण अगले महीने होने वाले अभिषेक समारोह से पहले और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंदिर शहर की यात्रा से ठीक दो दिन पहले हुआ।