प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में शुक्रवार को कहा कि हमारी सरकार गरीबों और दलितों के प्रति समर्पित हैं। इस मौके पर उन्होंने नई दिल्ली के लिए महामना एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके बाद रैली को संबोधित करते हुए कहा कि, हमारी सरकार गरीबों के लिए समर्पित है। सरकार बनने के पहले ही दिन मैंने कहा था कि हमारी सरकार गरीबों और पिछड़ों की मदद के लिए तैयार रहेगी। हम लगातार इस बात पर काम कर रहे हैं कि गरीबों के जीवन में कैसे सुधार आए। उनका जीवन कैसे बदलें। हमारी सबसे बड़ी चिंता गरीबों तक विकास के फायदा पहुंचाना है।’
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जापान के पीएम शिंजो अबे के वाराणसी दौरे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,’ शिंजो अबे ने हाल ही में वाराणसी का दौरा किया। इस बारे में उन्होंने जापान में एक कार्यक्रम में जो कहा उसे सुनकर मुझे गर्व का अनुभव होता है। मैं अबे को उनके काशी और गंगा के प्रति उदार शब्दों के लिए धन्यवाद देता हूं।’ शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि, इस तरह के लोगों को विकलांग कहने के बजाय दिव्यांग कहा जाना चाहिए। दिव्यांग कहे जाने से मानसिकता में बदलाव आएगा। दिव्यांगों की सहायता करना समाज की जिम्मेदारी है। हर दिव्यांग भारत मां की संतान है, उसे आगे बढ़ाना है।
मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 8000 शारीरिक तौर पर अक्षम लोगों को मदद उपकरण बांटेंगे। सामाजिक न्याय मंत्रालय के अधिकारियों का दावा है कि शारीरिक तौर पर अक्षम लोगों के लिए लगा यह दुनिया का सबसे बड़ा शिविर होगा। सरकार गिनीज बुक ऑफ रिकॉड्स में नाम दर्ज कराने के लिए भी आवेदन करेगी। सूत्रों के मुताबिक, शिविर में 3,216 तिपहिया साइकिल, 2290 सुनने की मशीनें, 1734 बैसाखियां, 774 व्हील चेयर्स, 479 कृत्रिम हाथ बांटे जाएंगे।वाराणसी के बाद पीएम मोदी लखनऊ जाएंगे।