प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी ने वर्ष 2022 तक देश के किसानों की आमदनी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के बरेली में किसान कल्याण रैली में कहा कि छोटे-छोटे कदम उठाकर कृषि क्षेत्र के सामने खड़ी चुनौतियों को अवसरों में बदला जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘वर्ष 2022 में हिन्दुस्तान की आजादी के 75 साल पूरे होंगे। क्या हम, राज्य सरकारें और किसान यह संकल्प कर सकते हैं कि आजादी के 75 साल पूरे होने तक हम किसान की आय को दोगुना कर देंगे। यह बहुत कठिन काम नहीं है। एक बार तय कर लें तो ऐसा हो सकता है।’
मोदी ने कहा कि आज किसान के सामने अनेक तरह की चुनौतियां हैं लेकिन इन चुनौतियों को अवसर में बदला जा सकता है। अगर किसान और राज्य सरकारें सहयोग करें तो क्रांतिकारी बदलाव आ सकते हैं। जहां-जहां राज्य सरकारें कृषि के काम में रच्च्चि लेती हैं, वहां अप्रतिम प्रगति होती है, लेकिन जहां की सरकारें उदासीन रवैया अपनाती हैं वहां खेती किसान के नसीब पर छोड़ दी जाती है। वह न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि सभी राज्य सरकारों से आदरपूर्वक अनुरोध करते हैं कि वे अपने राज्य के कामों में कृषि, किसानों और खेती के विषयों को सबसे बड़ी प्राथमिकता दें, आप देखिएगा कि देखते ही देखते स्थिति बदल जाएगी। जो रोडमैप तय किया है और जो योजनाएं बनायीं, उन्हें लागू करने का काम कर लें तो मेरा सपना पूरा हो सकता है। मेरा और आपका सपना मिलकर हम उस लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
खेती को तीन हिस्सों में बांटने की जरूरत बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान अपने खेत का एक तिहाई हिस्सा उस पर बाड़ लगाकर बर्बाद कर देता है। अगर उस हिस्से पर फर्नीचर इत्यादि के लिये लकड़ी की खेती की जाए और एक तिहाई हिस्से में पशुपालन, मधुमक्खी पालन और अंडा उत्पादन के लिए कुक्कुट पालन किया जाए और उनसे होने वाली आमदनी को खेती की आय से जोड़ दिया जाए तो किसानों की आय दोगुनी हो सकती है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नदियों को जोड़ने की परिकल्पना का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार वाजपेयी के सपने को बल देकर आगे बढ़ रही है। इसी कोशिश के तहत ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’ बनाई गई है और 50 हजार करोड़ रुपये की लागत से यह योजना लागू करने का बीड़ा उठाया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने अपनी गलतियों की वजह से अपनी धरती को बरबाद कर दिया है। आवश्यकता से अधिक उर्वरक डाल दिया, बेतरतीब दवाइयां डालीं। यह धरती चुपचाप सहती रही। जब अन्न के भण्डार खाली होने लगे तो पता लगा कि हमने कितना अत्याचार किया। अब सरकार ने ‘सोइल हेल्थकार्ड योजना’ चलायी है। इसी तरह सरकार ने गुणवत्तापूर्ण बीज भी उपलब्ध कराने के लिये कठोरता बरती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह आगामी 14 अप्रैल को बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जयन्ती के अवसर पर किसानों के लिये नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट ‘ई-प्लेटफार्म’ लागू करेंगे। इससे किसान अपने मोबाइल फोन पर देश की विभिन्न मण्डियों के भाव जानकर अपने उत्पाद बेच सकेंगे।

