भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने ‘मोदी सरकार के आठ साल’ पूरे होने पर रिपोर्ट कार्ड पेश करने के लिए एक समिति का गठन किया है। 26 मई को मोदी सरकार के आठ साल पूरे हो रहे हैं।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के सूत्रों ने कहा कि बड़े पैमाने पर मीडिया के माध्यम से मोदी सरकार की उपलब्धियों को प्रभावी ढंग से कैसे पेश किया जाए, इस पर रणनीति बनाने के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक टीम बनाई गई है। टीम में राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और संयुक्त महासचिव संगठन शिव प्रकाश सहित कई बड़े नेता शामिल हैं।

सूत्रों ने बताया कि उपलब्धियों और पूरे किए गए वादों को एक पुस्तिका के रूप में प्रकाशित किए जाने की तैयारी है, जिसे व्‍यापक स्‍तर पर लोगों तक पहुंचाने के लिए प्‍लान बन रहा है। मोदी सरकार के आठ साल पूरे होने पर जो रिपोर्ट कार्ड पेश किया जाएगा, उसमें जिन प्रमुख मुद्दों पर प्रकाश डाला जा सकता है, उनमें जम्मू और कश्मीर ये धारा 370 को निरस्त करना, स्मार्ट सिटी और उनका विकास, नदियों को साफ करना और रोजगार सृजन, नमामि गंगे आदि शामिल हैं।

पार्टी के एक वरिष्‍ठ नेता ने कहा, “जब विपक्ष महामारी के दौरान आलोचना की लोगों का मनोबल गिरा रहा था, तब पीएम मोदी दुनिया के लिए एक उदाहरण बन गए कि कैसे यह सुनिश्चित किया जाए कि लोग जीवित रहें और भूख से न मरें। टीकाकरण से लेकर राशन तक हर चीज का ध्यान रखा गया। इसकी व्‍यापकता के स्‍तर को देखिए।”

हिमाचल और गुजरात विधानसभा चुनाव में एससी वोटर के लिए प्‍लान

बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश और गुजरात के चुनावी राज्यों के लिए रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। इस दिशा में पहला कदम 20 अप्रैल को शिमला में भाजपा की अनुसूचित जाति मोर्चा की बैठक है। मोर्चा में हिमाचल प्रदेश और गुजरात के चुनावी राज्यों के लिए जिम्मेदारियों पर निर्णय लिया जाएगा। इसके अलावा दोनों राज्‍यों की चुनावी तैयारी में एससी वोटर्स पर भी बीजेपी फोकस कर रही है। एक वरिष्‍ठ नेता ने बताया कि पार्टी ने बूथों की सूची तैयार की है, जहां 100 से अधिक एससी मतदाता हैं। ऐसे निर्वाचन क्षेत्रों के लिए बूथ समितियों का गठन किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी एससी मोर्चा की होगी कि भाजपा उन तक पहुंचे।

गुजरात में इस साल के अंत में हिमाचल प्रदेश के साथ चुनाव होने वाले हैं। गुजरात में बीजेपी पिछले 27 सालों से सत्ता में है। पिछले गुजरात विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 182 सदस्यीय विधानसभा में 41.4 वोट शेयर के साथ 77 सीटें जीतकर कड़ी टक्कर दी थी। यह पिछले 32 वर्षों में कांग्रेस का सबसे बेहतर प्रदर्शन था। ऐसे में इस बार चुनौती बीजेपी के लिए और ज्‍यादा क्‍योंकि इस बार आम आदमी पार्टी भी गुजरात में एंटी इन्‍कमबैंसी का लाभ उठाने के लिए पूरा जोर लगाने की तैयारी में जुटी है।