प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन पहुंचे हैं। पीएम मोदी सात साल के अंतराल के बाद शनिवार को दो दिवसीय यात्रा पर चीन पहुंचे। इस दौरान ने रविवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ वार्ता के दौरान पीएम ने सीमा पार आतंकवाद पर चिंता जताई और इस समस्या से निपटने के लिए भारत और चीन के बीच सहयोग पर जोर दिया। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस और सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाया है।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जवाब देना चाहिए कि क्या हमारे सैनिक भारत- चीन सीमा के क्षेत्रों के पास स्वतंत्र रूप से गश्त कर सकते हैं। खेड़ा ने रविवार को गलवान घाटी में जून 2020 में चीनी आक्रमण से निपटने के सरकार के तरीके पर भी सवाल उठाए, खासकर एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री मोदी की चीन की आधिकारिक यात्रा के मद्देनजर।

‘मेरे प्यारे दोस्त डोनाल्ड ट्रंप’ के बाद ‘मेरे प्यारे दोस्त शी जिनपिंग’

पवन खेड़ा ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ” ‘मेरे प्यारे दोस्त डोनाल्ड ट्रंप’ के बाद ‘मेरे प्यारे दोस्त शी जिनपिंग’ हैं। मुझे बताइए, क्या हमें गलवान में न्याय मिला? क्या अप्रैल 2020 की यथास्थिति बरकरार है? क्या हमारी सेनाएं अप्रैल 2020 से पहले जहां गश्त करती थीं, वहां गश्त कर पा रही हैं? क्या पीएम को इनके जवाब मिलेंगे? दोस्त बदलते रहते हैं, दिल टूटते हैं और फिर नए दोस्त तलाशे जाते हैं। आपने देश की, अर्थव्यवस्था की, विदेश नीति की हालत देखी है।”

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प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। इस मुलाकात के मद्देनजर विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने और संतुलित करने के तरीकों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

चीन के राष्ट्रपति के साथ पीएम मोदी की मुलाकात

पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात अपर विदेश सचिव ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “शुरू से ही हमने विभिन्न स्तरों पर यह कहा है कि सीमा पर स्थिति का द्विपक्षीय संबंधों पर कुछ न कुछ प्रभाव अवश्य पड़ेगा।” उन्होंने कहा, ‘‘यही कारण है कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए सबसे महत्वपूर्ण ‘बीमा पॉलिसी’ सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखना है।”

विक्रम मिसरी ने कहा, ‘‘आज प्रधानमंत्री ने खुद भी राष्ट्रपति जिनपिंग को यह बात बहुत स्पष्ट रूप से बता दी है और हम इस रुख पर कायम रहेंगे।’’ मिसरी ने कहा कि मोदी-शी वार्ता के दौरान सीमा मुद्दे पर चर्चा हुई और दोनों नेताओं ने पिछले वर्ष सैनिकों की सफल वापसी और उसके बाद से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति-सौहार्द बनाए रखने पर चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘‘ इस मुद्दे से जुड़े कुछ सिद्धांतों पर ज़ोर देते हुए प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर और सुचारू विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। मौजूदा तंत्रों का उपयोग करते हुए सीमाओं पर शांति बनाए रखने और भविष्य में संबंधों में व्यवधान से बचने की आवश्यकता पर सहमति बनी।’’ पढ़ें- PM मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच हुई पूरी बातचीत यहां जान लीजिए