प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के जलगांव में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस को चुनौती दी है कि अगर हिम्मत है तो कश्मीर से हटाए गए अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करने का ऐलान अपने चुनावी वादे में करे। रविवार (13 अक्टूबर) को पीएम ने ललकारते हुए कहा कि अगर दम है तो लोगों को बताएं कि 5 अगस्त के केंद्र सरकार के फैसले को पलट देंगे। अगर नहीं तो कश्मीर पर घड़ियाली आंसू बहाना बंद करें। पीएम ने कहा कि पिछले पांच साल के केंद्र सरकार के कामकाज से विपक्षी हैरान-परेशान हैं। पीएम ने कांग्रेस और एनसीपी पर पाकिस्तान की भाषा बोलने का आरोप लगाया।

पीएम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर जो पूरा देश सोचता है उससे ठीक उल्टा कांग्रेस, एनसीपी और विपक्षी दल सोचते हैं। उन्होंने कहा कि बड़े ही दुर्भाग्य से कहना पड़ रहा है कि कुछ राजनीतिक दल राष्ट्रहित में लिए गए फैसलों पर राजनीति कर रहे हैं। पीएम ने कहा कि केंद्र की सरकार ने 5 अगस्त को जनभावना के अनुरूप ऐसा कदम उठाया जिसके बारे में सोचना भी अंसभव लगता था।

पीएम ने कहा कि पूरे देश में नई ऊर्जा के साथ हमने तेज गति से काम बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि राज्य की देवेंद्र फड़णवीस सरकार ने भी पिछले पांच सालों में राज्य में विकास की मिसाल पेश की है। उन्होंने कहा कि आज महाराष्ट्र का गरीब परिवार भी रसोई गैस पर खाना बना रहा है। उसका अपना घर का सपना साकार हो चुका है और गरीब भी आज बड़े अस्पताल में जाकर इलाज करवा रहा है। पीएम ने कहा कि ये सब पहले एक सपना था लेकिन आज वो हकीकत बन चुकी है।

पीएम ने कहा कि हमारी योजनाएं सिर्फ जन कल्याण तक सीमित नहीं है बल्कि इसके पीछे की सोच बहुत व्यापक है। उन्होंने कहा, “आज हमारी हर नीति, हर रणनीति जनकल्याण से राष्ट्र कल्याण की है। जन अभियान से राष्ट्र निर्माण की है। आज देश उस राष्ट्र को पीछे छोड़ आया है, जहां भेदभाव के आधार पर योजनाएं बनती थीं।” इस दौरान पीएम ने अपने सरकार की उपलब्धियों को भी गिनाया।