देश की समस्याओं के लिए वैज्ञानिक शोध की जरूरत को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों से कहा कि वे ऐसी कम से कम 100 समस्याओं का सूची बनाएं, जिनका सामना देश के लोग कर रहे हैं और निश्चित समयावधि में प्रौद्योगिकी के रास्ते इनका समाधान ढूंढें।

प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) प्रयोगशालाओं के कार्यों के आकलन के लिए मानक और ऐसी प्रक्रिया तय करने को कहा कि जिससे विभिन्न प्रयोगशालाओं के बीच आपसी प्रतिस्पर्धा हो। सीएसआइआर सोसाइटी की बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि सीएसआइआर के वैज्ञानिक कम से कम ऐसी 100 समस्याओं की सूची बनाएं जिनका सामना देश के विभिन्न हिस्सों के लोग कर रहे हैं और निश्चित समयावधि के भीतर प्रौद्योगिकी के उपयोग से इन चुनौतियों का समाधान खोजें।

मोदी ने कहा कि सीएसआइआर जनजातीय लोगों में सिकल सेल एनीमिया की बीमारी, रक्षा उपकरण निर्माण, जवानों के लिए जीवनरक्षक उपकरण और सौर ऊर्जा व कृषि संबंधी नवाचार जैसे क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि सीएसआइआर आम लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कार्य करे और समाज के गरीब व निचले तबके के लोगों की समस्याओं का तकनीकी समाधान उपलब्ध कराए।

बैठक के दौरान प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय चुनौतियों का मुकाबला करने में प्रमुख भारतीय अन्वेषक के रूप में सीएसआइआर के कार्यों की जानकारी दी गई। सदस्यों ने सीएसआइआर प्रयोगशालाओं में किए जा रहे अनुसंधान से बड़ी संख्या में होने वाले स्टार्टअप्स की संभावनाओं के बारे में बताया। उन्होंने प्रयोगशाला के अनुसंधानों को व्यावसायिक अनुप्रयोगों में बदलने के महत्व पर जोर दिया। प्रधानमंत्री को स्वास्थ्य उपकरण निर्माण, ऊर्जा और अपशिष्ट प्रबंधन जैसे कुछ क्षेत्रों के बारे में बताया गया। जहां सीएसआईआर महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं।