कोरोना की तीसरी लहर की आशंका और पूर्वोत्तर के राज्यों में बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने 8 मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा की। इस दौरान पीएम मोदी ने हिल स्टेशनों पर बिना मास्क और सोशल डिस्टैंसिंग की धज्जियां उड़ाकर घूमने-फिरने वाले लोगों के बारे में चिंता भी जताई। प्रधानमंत्री ने कहा कि कई बार लोग सीना तानकर बोलते हैं, तीसरी लहर आने से पहले हम इंजॉय करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, लोग सवाल पूछते हैं कि तीसरी लहर की क्या तैयारी है, लेकिन सवाल यह होना चाहिए कि तीसरी लहर आने से रोकना कैसे हैं।

पीएम ने कहा, कोरोना ऐसी चीज है जो कि अपने आप नहीं आता है। कोई जाकर ले आए तभी आता है। इसलिए हम अगर बराबर सावधानी रखेंगे तो तीसरी लहर को रोक पाएंगे। आने के बाद क्या करेंगे यह एक विषय है। लेकिन आते हुए को रोकना बेहद जरूरी है। इसलिए सजगता और प्रोटोकॉल के पालन में जरा सा भी लापरवाही नहीं करना है। उन्होंने कहा, ‘एक्सपर्ट भी हमें सलाह दे रहे हैं कि लापरवाही करने से कोरोना के मामलों में फिर से भारी उछाल आ सकता है। इसलिए भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों को रोकने का प्रयास करना चाहिए।’

कोरोना को लेकर WHO ने दी चेतावनी

प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी को रोकने के लिए साथ मिलकर काम करने की ज़रूरत है। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए छोटे-छोटे स्तर पर प्रयास होना चाहिए। मोदी ने कहा कि कोरोना के हर वैरिएंट पर नजर रखनी होगी। यह वायरस अपना रंग रूप बदल लेता है और इसी वजह से ज्यादा खतरनाक है। म्यूटेशन के बाद यह कितना परेशान करेगा, इस पर एक्सपर्ट काम कर रहे हैं।

 


बता दें कि इन दिनों पूर्वोत्तर के राज्यों में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। उधर उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर भारी भीड़ जमा हो गई है। बाजारों में लोग बिना मास्क और सोशल डिस्टैंसिंग के घूमते नजर आए। होटलों के लिए लोग मारामारी कर रहे थे। इसी बात को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने तंज कसते हुए चिंता जताई और लोगों को आगाह भी किया।