प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार सुबह अपनी तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा के लिए डेलावेयर रवाना हुए। पीएम मोदी वहां QUAD समिट और अन्य कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इस बीच नई दिल्ली और वाशिंगटन ने बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के कारण प्रधानमंत्री की सिक्योरिटी बढ़ाने पर ध्यान दिया है।

भारतीय और अमेरिकी सुरक्षा अधिकारियों के बीच यह बातचीत पिछले 15 दिनों में हुई। खासकर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर दो बार हुए हमले के बाद। इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के मुताबिक, अमेरिकी सीक्रेट सर्विस ने डेलावेयर और न्यूयॉर्क में उन आयोजन स्थलों और उसके आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है, जहां पीएम जाएंगे।

यह अमेरिका में खालिस्तान समर्थक तत्वों के खतरों को भी ध्यान में रखकर किया गया है। पीएम मोदी शनिवार को अमेरिका पहुंचने ने बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात करेंगे, जिसके बाद दोनों क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। QUAD समिट में जापान के पीएम फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीस भी शामिल होंगे।

पीएम मोदी की कड़ी सुरक्षा

चारों नेता डेलावेयर की आर्कमेरे एकाडमी में एकत्र होंगे जहां अमेरिकी राष्ट्रपति ने हाई स्कूल में पढ़ाई की थी। स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) और यूएस सीक्रेट सर्विस भी न्यूयॉर्क में पीएम मोदी की सुरक्षा का प्रबंधन कर रहे हैं, जहां वह 22 सितंबर को भारतीय प्रवासियों को संबोधित करेंगे। भारतीय समुदाय का कार्यक्रम न्यूयॉर्क के नासाउ कोलिज़ीयम, नासाउ काउंटी में होगा। नासाउ काउंटी पुलिस इस कार्यक्रम की सुरक्षा कड़ी कर रही है।

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सूत्रों के मुताबिक, अमेरिकी सीक्रेट सर्विस भीड़ को नियंत्रित करने और क्राउड की जांच करने के लिए नासाउ काउंटी पुलिस से सहयोग लेगी ताकि कोई हादसा न हो। न्यूयॉर्क शहर में जहां समिट ऑफ फ्यूचर 23 सितंबर को आयोजित की जाएगी, सुरक्षा कड़ी है।

पीएम मोदी का अमेरिका में शेड्यूल

पीएम मोदी डेलावेयर के विलमिंगटन में वार्षिक क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। पीएम मोदी 22 सितंबर को न्यूयॉर्क में भारतीय समुदाय की एक सभा को भी संबोधित करेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी 23 सितंबर को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ को संबोधित करेंगे। जहां वह टेक्निकल फील्ड में काम करने वाली टॉप अमेरिकी कंपनियों के CEO के साथ एक सम्मेलन करेंगे और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ ही कई अन्य वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।