प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 की जिस वर्तमान चुनौती का देश सामना कर रहा है वह पिछले वर्ष के मुकाबले बड़ी है। उन्होंने किसी भी सूरत में इस महामारी को गांवों तक पहुंचने से रोकने के हरसंभव प्रयास सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, ‘पिछले साल भी आपने इस संक्रमण को गांवों में फैलने से रोका था। पंचायतों ने गांव में जागरूकता पहुंचाने में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। इस वर्ष भी हमारे सामने जो चुनौती है, वह पहले से जरा ज्यादा है। गांवों तक इस संक्रमण को किसी भी हालत में पहुंचने नहीं देना है, उसे रोकना ही है।’ उन्होंने कहा कि आज की तारीख में पंचायतों का मंत्र दवाई भी और कड़ाई भी का होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कोरोना की जंग में सबसे पहले हिंदुस्तान के गांव विजयी होने वाले हैं। देश और दुनिया को रास्ता भी आप गांव वाले इस सफलता के साथ दिखाने वाले हैं, यह मुझे भरोसा है।’ इस समारोह में डिजिटल माध्यम से केंद्रीय पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, आठ राज्यों के मुख्यमंत्री और बड़ी संख्या में स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
कोविड-19 के बढ़ते मामलों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने सभी से बचाव के उपायों का पालन करने का आग्रह किया और कहा, ‘जो भी दिशानिर्देश समय-समय पर जारी होते हैं, उनका पूरा पालन गांव में हो, हमें ये सुनिश्चित करना होगा। इस बार हमारे पास टीके का एक सुरक्षा कवच भी है। इसलिए हमें सारी सावधानियों का पालन भी करना है और ये भी सुनिश्चित करना है कि गांव के हर एक व्यक्ति को टीके की दोनों खुराक लगे।’ इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की प्रगति और संस्कृति का नेतृत्व हमेशा गांवों ने ही किया है, इसीलिए आज देश अपनी हर नीति और हर प्रयास के केंद्र में गांवों को रखकर आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘हमारा प्रयास है कि आधुनिक भारत के गांव समर्थ हों, आत्मनिर्भर हों। इसके लिए पंचायतों की भूमिका को बढ़ाया जा रहा है। उन्हें नए अधिकार दिए जा रहे हैं। पंचायतों को डिजिटल बनाने के लिए हर गांव को फाइबर नेट से जोड़ने का काम भी तेजी से चल रहा है।’ उन्होंने कहा कि इस मुश्किल समय में कोई भी परिवार भूखा ना सोए, ये भी देश की जिम्मेदारी है और इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त राशन देने की योजना को मई और जून तक आगे बढ़ा दिया है।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2021 के तहत 224 पंचायतों को दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार, 30 ग्राम पंचायतों को नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार, 29 ग्राम पंचायतों को ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार, 30 ग्राम पंचायतों को बच्चों के अनुकूल ग्राम पंचायत पुरस्कार और 12 राज्यों को ई-पंचायत पुरस्कार प्रदान किया।
पंचायती राज मंत्रालय प्रत्येक वर्ष 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाता है, क्योंकि इसी दिन संविधान में 73वें संशोधन के द्वारा पंचायती राज व्यवस्था अस्तित्व में आई थी। यह आयोजन देश के अलग-अलग हिस्सों से पंचायत प्रतिनिधियों से सीधे बात करने और उनकी उपलब्धियों को सम्मान देने, उन्हें आगे के लिए और सशक्त बनाने एवं प्रेरित करने का अवसर होता है।
प्रधानमंत्री ने एक बटन पर क्लिक के माध्यम से पांच लाख रुपए से 50 लाख रुपए तक की पुरस्कार राशि (अनुदान सहायता के रूप में) हस्तांतरित की। ऐसा पहली बार हुआ है कि यह धनराशि रियल टाइम आधार पर पंचायतों के बैंक खाते में सीधे हस्तांतरित हुई।