पीएम मोदी ने गुरुवार को देश की संविधान सभा की पहली बैठक की तस्वीरें ट्वीट कर लोगों खासकर युवाओं को अपने महान नेताओं को जानने और उनसे प्रेरणा लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि “आज से 75 साल पहले हमारी संविधान सभा की पहली बैठक हुई थी। भारत के अलग-अलग हिस्सों, अलग-अलग पृष्ठभूमि और यहां तक कि अलग-अलग विचारधाराओं के गणमान्य लोग एक लक्ष्य के लिए एक साथ आए। वह लक्ष्य था- भारत के लोगों को एक योग्य संविधान देना। इन महानुभावों को नमन।”
पीएम मोदी ने कहा, आज, जब हम अपनी संविधान सभा की ऐतिहासिक बैठक के 75 वर्ष पूरे कर रहे हैं, तो मैं अपने युवा मित्रों से आग्रह करूंगा कि वे इस गौरवशाली सभा की कार्यवाही के बारे में और इसमें शामिल होने वाले प्रतिष्ठित दिग्गजों के बारे में अधिक जानें। ऐसा करना बौद्धिक रूप से समृद्ध अनुभव होगा।
संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसम्बर 1946 को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन हाल (जिसे अब संसद भवन के केंद्रीय कक्ष के नाम से जाना जाता है ) में हुई थी। इसकी अध्यक्षता डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा ने की थी, जो सभा के सबसे बुजुर्ग सदस्य थे। आचार्य कृपलानी ने सभापति से उनका परिचय कराया और संचालन किया।
बाद में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष बने थे। भीमराव आंबेडकर को निर्मात्री समिति का अध्यक्ष चुना गया था। संविधान सभा ने 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में कुल 114 दिन बैठक की थी।