PM Modi To Visit Ukraine In August: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस की यात्रा के बाद अब अगले महीने (अगस्त) यूक्रेन का दौरा करेंगे। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद पीएम की यह पहली यात्रा होगी। इससे पहले इटली में हुए जी7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की भेंट हुई थी। तब दोनों नेताओं ने गले लगकर गर्मजोशी से एक-दूसरे का स्वागत किया था। जेलेंस्की ने मोदी को 2024 का लोकसभा चुनवा जीतने पर बधाई भी दी थी। माना जा रहा है कि मोदी 23 अगस्त को यूक्रेन के दौरे पर निकल सकते हैं।
जिस दिन प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा चुनावों के बाद तीसरा कार्यकाल हासिल किया, उस दिन ज़ेलेंस्की ने उन्हें बधाई दी थी और युद्धग्रस्त देश का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया था। इस वर्ष मार्च में राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ फोन पर बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-यूक्रेन साझेदारी को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की और देश के जन-केंद्रित दृष्टिकोण को दोहराया तथा चल रहे संघर्ष के समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करने के लिए अपनी क्षमता के अनुसार हरसंभव प्रयास करता रहेगा।
युद्ध शुरू होने के बाद से ही भारत का कहना रहा है कि इसका समाधान केवल बातचीत और कूटनीति के माध्यम से ही हो सकता है, तथा प्रधानमंत्री ने कहा है कि “भारत किसी भी शांति प्रयास में योगदान देने के लिए तैयार है”। प्रधानमंत्री मोदी इस महीने की शुरूआत में दो दिवसीय यात्रा पर मास्को भी गए थे।
राष्ट्रपति पुतिन के साथ अपनी बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि हिंसा का कोई समाधान युद्ध के मैदान में नहीं मिल सकता। उन्होंने कहा, “भारत ने हमेशा क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता सहित संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करने का आह्वान किया है। युद्ध के मैदान में कोई समाधान नहीं है। बातचीत और कूटनीति ही आगे बढ़ने का रास्ता है।”
सितंबर 2022 में उज़्बेक शहर समरकंद में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक द्विपक्षीय बैठक में पीएम मोदी ने कहा था कि आज का युग युद्ध का नहीं है। रूसी नेता को यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करना चाहिए। उनके संदेश को विश्व नेताओं से प्रशंसा भी मिली थी। युद्ध शुरू होने के बाद से भारत ने कहा है कि इसे केवल बातचीत और कूटनीति के माध्यम से हल किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत किसी भी शांति प्रयासों में योगदान करने के लिए तैयार है।