एक तरफ कोरोना के केस कई राज्यों में तेजी से बढ़ रहे हैं तो दूसरी तरफ वैज्ञानिक जल्द से जल्द वैक्सीन उपलब्ध करवाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। अब शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी भी देशभर में तीन वैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज का जायजा लेने जाने वाले हैं। वह वैक्सीन निर्माण की प्रगति और चुनौतियों को जानने की कोशिश करेंगे।

ट्विटर पर प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से ट्वीट किया गया, ‘वैक्सीन डिवेलपमेंट और प्रॉसेस का जायजा लेने कल प्रधानमंत्री मोदी तीन शहरों का दौरा करेंगे। वह अहमदाबाद में जायडस बायोटेक पार्क, हैदराबाद में भारत बायोटेक और पुणे के सीरम इंस्टिट्यूट का दौरा करेंगे।’ वैक्सीन निर्माण का कार्य शुरू करने के बाद यह प्रधानमंत्री का इन संस्थानों में पहला दौरा है।

पीएमओ ने बताया, ‘भारत कोरोना के खिलाफ लड़ाई के निर्णायक चरण में है। प्रधानमंत्री मोदी इन संस्थानों में जाकर वहां के वैज्ञानिकों से भी बात करेंगे और जानने की कोशिश करेंगे कि क्या दिक्कतें पेश आ रही हैं। वैक्सीन को नागरिकों तक पहुंचाने के बारे में भी वह चर्चा करेंगे।’ पुणे का सीरम इंस्टिट्यूट ऑक्सफोर्ड और ऐस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को विकसित कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी यहां पहुंचकर इसके उत्पादन और वितरण के प्लान का भी जायजा लेंगे।

सीरम इंस्टिट्यूट को कोविशील्ड वैक्सीन बनाने के मामले में सबसे आगे बताया जा रहा है। इसको इमर्जेंसी अप्रूवल मिलने के बाद भारत के लिए भी आवेदन कर दिया जाएगा। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का भी अंतिम चरण का ट्रायल चल रहा है। बताया जा रहा है कि फरवरी 2021 तक यह वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है। जायडस कैडिला की वैक्सीन का अभी दूसरे चकण का ट्रायल चल रहा है। यह वैक्सीन लोगों तक मई तक पहुंच सकती है।


पुणे में वैक्सीन को रोलआउट करने की भी तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। यहां 20 लाख वैक्सीन डोज को सुरक्षित रखने की क्षमता विकसित की जा रही है। अब भी यहां पर 5 से 6 लाख डोज रखे जा सकते हैं। उम्मीद है कि दिसंबर के आखिरी में वैक्सीन को अप्रूवल मिल जाए। सीरम इंस्टिट्यूट के सीईओ अदर पूनावाला ने बताया कि जनवरी से फरवरी तक लोगों को यह वैक्सीन  उपलब्ध हो सकती है और इसकी कीमत भी बहुत ज्यादा नहीं होगी।