अंग दान को एक उत्सव का दर्जा देने का देशवासियों से आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि इस समय जितने प्रतिरोपण की जरूरत है उसके मुकाबले अंग दान बहुत कम हो रहा है ।

आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह विषय काफी महत्वपूर्ण है । देश में प्रति वर्ष ढाई लाख से भी अधिक किडनी, हार्ट और लीवर प्रतिरोपण की जरूरत है। लेकिन सवा सौ करोड़ के देश में हम सिर्फ पांच हजार प्रतिरोपण को ही सफल कर पाते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हर साल एक लाख आंखों को रोशनी की जरूरत होती है। और हम सिर्फ पच्चीस हजार तक पहुंच पाते हैं। चार आंखों की जरूरत हो, हम सिर्फ एक दे पाते हैं।

सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने पर शरीर के अंग का दान किया जा सकता है। कुछ कानूनी उलझने भी हैं। राज्यों को भी इस दिशा में मार्गदर्शन करने का प्रयास हुआ है। ’

मोदी ने कहा कि अंगदान एक वृत्ति और प्रवृत्ति बने। अंगदान को एक उत्सव बनाना चाहिये। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों ने कागजी कार्रवाई को कम करके इसमें गति लाने का काफी अच्छा प्रयास किया है।

आज मैं कह सकता हूं, कि अंगदान के क्षेत्र में तमिलनाडु अग्रिम पंक्ति में है। कई सामाजिक संस्थाएं, कई एनजीओ बहुत ही अच्छा काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अंग दान को बढावा देने के लिए राष्ट्रीय अंग एवं उत्तक प्रतिरोपण संस्थान :नोटो: की स्थापना की गई है। एक 24 घंटे का हेल्पलाइन नंबर 1800114770 भी उपलब्ध है।

अंगदान को महादान बताते हुए उन्होंने कहा कि ‘और हमारे यहां यह कहा गया है ‘तेन त्यक्तेन भुंजीथा त्याग’ । अंग दान करने का जो आनंद होता है, उसका बहुत उत्तम वर्णन इस मंत्र में है।