प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में फुटबाल के आधारभूत ढांचे का विकास करने और इस खेल को गांव-गांव, गली-गली तक पहुंचाने के सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए रविवार को बताया कि भारत फीफा अंडर 17 विश्व कप फुटबॉल प्रतियोगिता की अगले वर्ष मेजबानी करेगा। आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि पिछले कुछ दशकों में भारत फीफा फुटबॉल रैंकिंग में काफी निचले पायदान पर चला गया है जबकि 1951, 1962 एशियाई खेलों में भारत ने स्वर्ण पदक जीता था और 1956 ओलंपिक खेल में भारत चौथे स्थान पर रहा था।
पीएम मोदी ने कहा कि अंडर-17 विश्वकप एक ऐसा अवसर है जो इस एक साल के भीतर-भीतर चारों तरफ नौजवानों के अन्दर फुटबाल के लिए एक नया जोश, नया उत्साह भर देगा । इस मेजबानी का एक फायदा तो यह है ही कि हमारे यहां फुटबाल का आधारभूत ढांचा तैयार होगा। खेल के लिए जो आवश्यक सुविधाएं हैं उस पर ध्यान जाएगा। मुझे तो इसका आनंद तब मिलेगा जब हम हर नौजवान को फुटबॉल के साथ जोड़ेंगे।
इस प्रतियोगिता के बारे में लोगों से सुझाव मांगते हुए उन्होंने कहा कि मैं अपेक्षा करता हूं कि साल 2017 की मेजबानी का अवसर कैसा हो, साल भर का हमारा कैसा कार्यक्रम हो, प्रचार कैसे हो, व्यवस्थाओं में सुधार कैसे हो, खेल के साथ जुड़ने की स्पर्धा कैसे उत्पन्न हो, इस पर ध्यान दिया जाए । फीफा अंडर 17 विश्वकप के माध्यम से भारत के नौजवानों में खेल के प्रति रूचि कैसे बढ़े.. इस बारे में सरकारों में, शैक्षिक संस्थाओं में, अन्य सामाजिक संगठनों के स्तर पर हमें चीजें लानी हैं। इससे हमारे यहां खेल के आधारभूत ढांचे का भी विकास हो सकेगा और हम सब की कोशिश है कि फुटबाल को गांव..गांव, गली..गली तक पहुंचाया जाए।
इसके साथ ही उन्होंने वैज्ञानिक तरीके से खेती करने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक तरीके से खेती को बढ़ाएं और ‘कम लागत, ज्यादा पावत’ मंत्र को साथ लेकर चलें। साथ ही कहा कि हमें पानी के महत्व को समझना चाहिए, जितना पानी बचेगा, उतना ही किसानों को लाभ होगा। प्रोग्राम की शुरुआत में पीएम मोदी ने इंडिया और ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीम को आज के मैच के लिए बधाई दी।