शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयरपोर्ट पर ही जिले में अपराध की घटनाओं पर सख्त रुख दिखाया। उन्होंने अपने तेवरों से साफ कर दिया कि अपराध पर अब कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। यह उनका अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का 50वां दौरा था, लेकिन इस बार उनकी प्राथमिकता सिर्फ विकास परियोजनाएं नहीं, बल्कि कानून-व्यवस्था पर पैनी नजर भी थी।

19 वर्षीय युवती संग छह दिनों तक 23 लोगों ने किया था कथित गैंगरेप

हवाईअड्डे पर कदम रखते ही पीएम मोदी ने पुलिस आयुक्त, संभागीय आयुक्त और जिलाधिकारी से शहर में हाल ही में हुई सामूहिक बलात्कार की घटना पर पूरी रिपोर्ट तलब की। 19 वर्षीय युवती के साथ छह दिनों तक 23 लोगों द्वारा किए गए कथित गैंगरेप के मामले ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। यही वजह रही कि प्रधानमंत्री ने एयरपोर्ट पर ही अधिकारियों को फौरन तलब किया और स्पष्ट निर्देश दिए कि “दोषियों के खिलाफ सबसे सख्त कार्रवाई होनी चाहिए”।

पीएम मोदी का 50वीं बार वाराणसी दौरा

पीएम मोदी ने इस मौके पर सिर्फ संवेदना नहीं जताई, बल्कि स्पष्ट तौर पर कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सिस्टम में क्या बदलाव चाहिए, उस पर काम तुरंत शुरू हो। उन्होंने साफ कर दिया कि काशी सिर्फ विकास का प्रतीक नहीं, सुरक्षा और सुशासन का भी मॉडल बनेगा।

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उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि जांच तेजी से पूरी हो और दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिले। अभी तक छह आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, और अन्य की तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि पीड़िता को नशीला पदार्थ देकर अलग-अलग होटलों में ले जाया गया, जहां उसके साथ बार-बार दरिंदगी की गई।

इस घटना पर पीएम की सक्रियता यह संकेत देती है कि अब शासन के शीर्ष स्तर से अपराध के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” की नीति अपनाई जा रही है।

इसी दौरान पीएम मोदी ने काशी में आयोजित एक जनसभा में 3884 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। उन्होंने कहा, “काशी का चहुंमुखी विकास मेरी प्राथमिकता है, लेकिन कानून-व्यवस्था पर कोई समझौता नहीं होगा।” प्रधानमंत्री का यह सख्त रुख उन अफसरों और अपराधियों दोनों के लिए साफ संदेश है—काशी अब सिर्फ सांस्कृतिक राजधानी नहीं, बल्कि कानून का पालन कराने वाला शहर भी बनेगा।