लोकसभा सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने संसद भवन परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए सभी सांसदों का स्वागत किया। पीएम मोदी ने जहां संसद की नई इमारत में शपथ समारोह का ज़िक्र कर खुशी जताई वहीं आपातकाल की तारीख पर बोलते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा।

पीएम मोदी ने कहा कि आज हमारे संसदीय लोकतंत्र के लिए खुशी का अवसर है।आज आजादी के बाद पहली बार हम इस नई संसद में शपथ ग्रहण समारोह मना रहे हैं। अभी तक ऐसा पुरानी संसद में होता था। पीएम ने कहा कि इस अवसर पर मैं सभी नए सांसदों का स्वागत करता हूं और उन्हें बधाई देता हूं।

पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें

  1. पीएम मोदी ने कहा कि संसद का ये गठन भारत के सामान्य मानवी के संकल्पों की पूर्ति का है। नए उमंग, नए उत्साह के साथ नई गति, नई ऊंचाई प्राप्त करने का ये अवसर है। 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य लेकर आज 18वीं लोकसभा का प्रारंभ हो रहा है।
  2. पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव-2024 का ज़िक्र कर कहा कि विश्व का सबसे बड़ा चुनाव बहुत ही शानदार तरीके से, बहुत ही गौरवमय तरीके से संपन्न होना, ये हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। करीब 65 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया था।
  3. पीएम ने कहा कि अगर हमारे देश के नागरिकों ने लगातार तीसरी बार किसी सरकार पर भरोसा किया है, तो इसका मतलब है कि उन्होंने सरकार की नीतियों और नीयत पर मुहर लगाई है। मैं आप सभी के समर्थन और भरोसे के लिए आभारी हूँ। सरकार चलाने के लिए बहुमत ज़रूरी है, लेकिन देश चलाने के लिए आम सहमति ज़रूरी है।
  4. पीएम ने बेहतर विपक्ष पर बात करते हुए कहा कि देश की जनता विपक्ष से अच्छे कदमों की अपेक्षा रखती है। मुझे उम्मीद है कि विपक्ष लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने के लिए देश के आम नागरिकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा। लोग नाटक, उपद्रव नहीं चाहते। लोग नारे नहीं, सार्थकता चाहते हैं। देश को एक अच्छा विपक्ष चाहिए, एक जिम्मेदार विपक्ष चाहिए और मुझे पूरा विश्वास है कि इस 18वीं लोकसभा में जीतकर आए सांसद आम आदमी की इन अपेक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेंगे।
  5. पीएम ने आपतकाल की तारीख का ज़िक्र करते हुए कहा कि कल 25 जून है। 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर लगे उस कलंक के 50 साल हो रहे हैं। भारत की नई पीढ़ी कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह से नकार दिया गया था, संविधान के हर हिस्से की धज्जियां उड़ा दी गई थीं, देश को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह से दबा दिया गया था। अपने संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतंत्र की, लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए, देशवासी संकल्प लेंगे कि भारत में दोबारा कोई ऐसा करने की हिम्मत न कर सके जो 50 साल पहले किया गया था। हम एक जीवंत लोकतंत्र का संकल्प लेंगे। हम भारत के संविधान के निर्देशों के अनुसार सामान्य मानवी के सपनों को पूरा करने का संकल्प लेंगे।