देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए गठित एक हाईलेवल कमेटी की मीटिंग हुई थी। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने तीन लैंडफिल साइटों भलस्वा, ओखला और गाजीपुर को धीमी गति से साफ करने पर नाराजगी जाहिर की है। इन तीनों लैंडफिल साइटों को स्वच्छ भारत मिशन के तहत 2026 तक साफ किया जाना है। इसको साल 2021 में लॉन्च किया गया था। हालांकि, समय सीम को और आगे बढ़ा दिया गया।

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने केंद्रीय पर्यावरण और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय और एमसीडी को मुद्दे को सुलझाने के लिए कहा है। इस मीटिंग में दिल्ली सरकार, केंद्रीय आवास एवं शहरी मामले, दिल्ली पुलिस, एमसीडी, डीडीए, एनडीएमसी और सीएक्यूएम के अधिकारी शामिल हुए। दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी ने इस मीटिंग में एक रिपोर्ट भी पेश की।

इसमें बताया गया कि कंस्ट्रक्शन डस्ट, बायोमास जलाना और वाहनों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण का कारण बने रहेंगे। बयान में कहा गया कि मिश्रा ने लगातार एयर की क्वालिटी पर चिंता जाहिर की और मौजूदा कानूनों को अमल में लाने की जरूरत पर ध्यान दिया। इतना ही नहीं उन्होंने अधिकारियों से इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता देने के लिए रोडमैप भी तैयार करने को भी कहा है।

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इन चीजों पर ध्यान देने के लिए कहा

पीके मिश्रा ने सड़कों के किनारों को हरा भरा करने के लिए भी कहा है। उन्होंने मशीनों से सड़कों की सफाई बढ़ाने, एंटी-स्मॉग गन को ज्यादा से ज्यादा तैनात करने और पानी के छिड़काव पर भी ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। इन सभी के अलावा दिल्ली में सही तरीके से बिजली आपूर्ति पर भी चर्चा की गई। ऐसा इसलिए ताकि डीजल पर लोग ज्यादा निर्भर ना रहें।

आप ने दी प्रतिक्रिया

इस मामले पर आम आदमी पार्टी ने भी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने कहा कि दिल्ली के कूड़े के पहाड़ बीजेपी की 15 साल की देन थे। बीजेपी ने एमसीडी में राज किया। जब से आम आदमी पार्टी ने एमसीडी पर कब्जा किया है तब से क्लियरिंग का काम तेजी से हो रहा है। कचरा लैंडफिल पर तेजी से कम हो रहा है। पिछले 22 महीनों में लगभग 90 लाख मीट्रिक टन कूड़ा कम किया गया है। तीन साइटों पर से कूड़ा कम करने के लिए 120 लाख रुपये की ताजा बोली के लिए एमटी को आमंत्रित किया गया है।