केंद्र सरकार के नए कृषि क़ानूनों के खिलाफ दिल्ली से सटी सीमाओं पर किसानों का आंदोलन 100 दिनों से भी ज्यादा समय से जारी है। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन (BKU) के एक नेता का कहना है कि कृषि कानून वापस लेना केंद्र के हाथ में नहीं है। सरकार उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी के दबाव में काम कर रही है।

‘द वायर’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय किसान यूनियन (एकता-उग्राहन) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्राहन ने कहा है कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ में नहीं है, क्योंकि वह उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम के दबाव में हैं और उनके इशारों में काम कर रहे हैं। उग्राहन ने कहा कि दावा हवा में नहीं कर रहा हूं, इस बात का खुलासा केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने केंद्र और यूनियनों के बीच 15 जनवरी को हुई आखिरी बैठक के दौरान किया था।

जालंधर जिले के मुथाडा कलां गांव में ‘मजदूर किसान एकता महा रैली’ में एक सभा को संबोधित करते हुए उग्राहन ने कहा “आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि तोमर ने कहा था कि अगर उन्होंने (मोदी ने) हमारी मांग मान ली और तीन कानूनों को निरस्त कर दिया तो अगले दिन अंबानी और अडानी आ जाएंगे।” उग्राहन ने कहा कि उद्योगपतियों का तरीका अलग होगा।

किसान नेता ने कहा “क्या आपने कभी अंबानी और अडानी को सड़कों और रेलवे को अवरुद्ध करते देखा है? वे यहां सड़कों पर नहीं निकलेंगे। बल्कि, वे आप पर दबाव डालेंगे।” उग्राहन ने कहा कि तोमर यह बताना नहीं चाहते थे उन्होने गलती से यह बात कह दी। क्योंकि इस तरह की जानकारी हमारे साथ साझा करना उनकी नीति में नहीं था।

उग्राहन ने कहा “इससे साबित होता है कि जो कुछ भी हो रहा है वह अडानी और अंबानी के इशारों पर हो रहा है। वे सरकार पर दबाव डाल रहे हैं और यही कारण है कि ये तीन काले कानून लाए गए हैं।