प्रधानमंत्री मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में विकास कार्य काफी तेजी से चल रहे हैं। इस बार स्मार्ट सिटी परियोजनाओं की रैंकिंग में वाराणसी शहर ने सीधे 6 अंकों की उछाल के साथ टॉप पर जगह बना ली है। यह रैंकिंग आवास और शहरी कार्यमंत्रालय की ओर से 100 शहरों के लिए जारी की जाती है जिन्हें स्मार्ट सिटी बनाया जाना है। पूर्णता व प्रगति दर के आधार पर स्थान तय किया जाता है।
2019 में वाराणसी का इस लिस्ट में 13वां स्थान था। 2020 की रैंकिंग में 7वां स्थान मिला और इस बार सीधा टॉप पर पहुंच गया है। दूसरे नंबर पर भोपाल, तीसरे पर सूरत और चौथे पर अहमदाबाद का नाम है। केंद्र सरकार स्मार्ट सिटी के लिए बजट जारी करती है। इसके बाद शहर में कराए गए काम, प्रगति, व्यय, योजना आदि की जानकारी पोर्टल पर अपडेट करनी होती है। इस आधार पर शहरों की रैंकिंग तय की जाती है।
स्मार्ट सिटी के सीईओ गौरांग राठी के मुताबिक वाराणसी में 586 करोड़ रुपये की 29 परियोजनाएं चल रही हैं। उनके सुचारु संचालन की वजह से ही वाराणसी को यह दर्जा हासिल हुआ है। 261 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पूरे भी हो चुके हैं।
उत्तर प्रदेश के 10 शहरों का चयन स्मार्ट सिटी बनाने के लिए हुआ था। बाकी शहरों में कार्य की गति ज्याद नहीं है। इसमें लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, आगरा, झांसी, अलीगढ़, प्रयागराज, बरेली, सहारनपुर और मुरादाबाद शहर शामिल हैं। 2016 से 2018 के बीच चार चरणों में इन शहरों का चयन किया गया था।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का चयन सबसे पहले किया गया था। शहर में मेट्रो दौड़ने लगी है लेकिन कई जगहों पर स्थिति जस की तस नजर आती है। लखनऊ के बाद आगरा और वाराणसी का चयन किया गया था। कानपुर में भी कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं जो अभी पूरे नहीं हुए हैं। बरेली, मुरादाबाद और सहारनपुर में भी काम काफी धीमी गति से चल रहा है। कई प्रोजेक्ट का सर्वेक्षण किया जा रहा है।