प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए GYAN पर ध्यान देने की जरूरत बताई। उन्होंने अंग्रेजी शब्द GYAN के बारे में बताते हुए कहा कि G से गरीब, Y से युवा, A से अन्नदाता यानी किसान और N से नारी शक्ति यानी महिला सशक्तिकरण पर खास तौर पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि बिना इन पर फोकस किए, देश को आगे नहीं ले जाया जा सकता है।
देश के विभिन्न राज्यों में विकसित भारत संकल्प यात्रा शुरू
सरकारी कल्याण योजनाओं के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए देश के विभिन्न राज्यों में विकसित भारत संकल्प यात्रा का उद्घाटन करते हुए, प्रधानमंत्री ने आजादी के 100वें वर्ष तक भारत को एक विकसित देश बनाने की अपने संकल्प पर जोर दिया। 2047 में भारत को आजाद हुए 100 साल पूरे हो जाएंगे।
अगले 25 वर्षों में देश को आगे ले जाने की जगी आशा
प्रधानमंत्री ने कहा कि 1922 से 1947 की अवधि के दौरान हर कोई आजादी की लड़ाई में अपना योगदान देना चाहता था। ठीक उसी तरह अगले 25 वर्षों में देश के विकास में योगदान देने के लिए लोगों के बीच आशावाद दिख रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के विकास में योगदान देने के लिए लोगों के बीच व्यापक उत्साह का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि “यही ऊर्जा मेरी प्रेरक शक्ति है।”
पीएम ने कहा, “हम ज्ञान पर ध्यान देंगे, ज्ञान को सम्मान देंगे, तो विकसित भारत बनेगा। ज्ञान का मतलब है जी फॉर गरीब, वाई फॉर युवा, ए फॉर अन्नदाता, एन फॉर नारीशक्ति।”
पीएम ने कहा, “हर फैसला राष्ट्र प्रथम के नजरिए पर टिका”
इंडिया टूडे को दिए एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र प्रथम के अपने दर्शन को दोहराते हुए कहा, “मैंने जो कुछ भी किया है, एक कार्यकर्ता के रूप में, एक सीएम के रूप में और एक पीएम के रूप में, मैंने हमेशा राष्ट्र को पहले रखा है। मैंने जो भी निर्णय लिया है वह राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर लिया गया है।” अक्सर लोग मुझसे पूछते हैं कि मैंने एक कठिन निर्णय कैसे लिया। मेरे लिए यह कठिन नहीं लगता क्योंकि मैं अपने सभी निर्णय राष्ट्र प्रथम के नजरिये से लेता हूं।”
वे बोले- काम कठिन हो तब भी शुरुआत करना सही कदम
उन्होंने नीति निर्धारण के प्रति अपने दृष्टिकोण के पीछे के मंत्र के बारे में भी बात की और कहा, “मैं कुछ भी अच्छा लगे इसलिए नहीं करता, लेकिन अच्छा हो इसलिए करता हूं”। इसके अलावा, अपने प्रबंधन और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों से जुड़े कार्यों से निपटने के बारे में बात करते हुए, पीएम ने कहा, “माखन पर लकीर तो सब करते हैं। करनी है तो पत्थर पर लकीर करो। कठिन है तो क्या हुआ शुरुआत तो करो।”
उन्होंने यह भी बताया कि कैसे भारत, एक ऐसा देश होने से जो विभिन्न मंचों पर आवाज की याचना करता था, एक ऐसा राष्ट्र बन गया है जो नए वैश्विक मंच बनाता है। पीएम ने कहा कि विश्व सर्वसम्मति से स्पष्ट है कि वर्तमान में यह भारत का क्षण है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की मौजूदगी और योगदान की मांग अब वैश्विक मंचों पर होता है। पीएम ने कहा, “हमारे राष्ट्र की गुप्त क्षमता उजागर हो गई है और भारत की उपस्थिति और योगदान की अब वैश्विक मंचों पर अत्यधिक मांग है। दुनिया की आम सहमति आज स्पष्ट है: यह भारत के लिए महत्वपूर्ण क्षण है।”
प्रधान मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि भाजपा को एक ऐसी पार्टी के रूप में चित्रित करना जो अखिल भारतीय नहीं है, अतिसरलीकरण होगा और कहा कि लोकसभा सीटों के मामले में दक्षिण भारत में सबसे बड़ी पार्टी है। उन्होंने कहा, “आज देश का कोई भी कोना ऐसा नहीं है जहां हमारी पार्टी को समर्थन नहीं है। केरल में स्थानीय निकायों से लेकर कई राज्यों में प्रमुख विपक्ष होने तक, हमारी पार्टी लोगों के बीच मजबूत काम कर रही है।”