कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया ने गुरुवार (13 फरवरी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे से कर दी। पुनिया ने कहा कि पीएम ने पहली बार जब संसद में कदम रखा था तो उन्होंने मत्था टेका था और दूसरी बार संविधान को मत्था टेका था। गोडसे ने भी गांधी को गोली मारने से पहले गांधीजी को पैर छुए थे। छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रभारी पुनिया ने कहा कि दोनों सिर झुकाकर हमला करते हैं।

उन्होंने कहा कि ‘आज दोनों ही व्यवस्थाओं (संविधान और सदन) को नष्ट किया जा रहा है। पीएम मोदी जब प्रधानमंत्री बनकर पहली बार संसद पहुंचे थे तो उन्होंने सदन में मत्था टेका था और फिर संविधान पर। ये ठीक उसी तरह है जिस तरह गोडसे ने गांधीजी की हत्या से पहले उनके पैर छुए थे।’ कांग्रेस नेता ने यह बयान सुप्रीम कोर्ट के एससी/एसटी आरक्षण पर दिए फैसले पर दिया है।

पुनिया ने कहा कि एससी/एसटी नियुक्ति और प्रमोशन पर कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल में एक केस की सुनवाई के दौरान कहा है कि प्रमोशन में आरक्षण देना है या नहीं यह राज्य सरकारों के विवेक पर निर्भर करेगा।

कोर्ट ने कहा है कि नौकरियों में आरक्षण कोई मौलिक अधिकार नहीं है। हम राज्यों को कोटा लागू करने के निर्देश नहीं दे सकते। कोर्ट के इस फैसले के बाद विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है। विपक्ष का कहना है कि सरकार आरक्षण व्यवस्था को खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। बीजेपी आरक्षण का खुलकर विरोध कर रही है।