भाजपा देशभर में 15 से 30 अगस्त तक ‘सामाजिक न्याय पखवाड़ा’ और अगले वर्ष 1 से 9 अगस्त तक ‘सामाजिक न्याय सप्ताह’ मनायेगी जो राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के विधेयक को संसद की मंजूरी और दलितों पर अत्याचार के खिलाफ कानून को मजबूत बनाने की पहल के तौर पर मनाया जाएगा। भाजपा संसदीय पार्टी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यह घोषणा की। उन्होंने कहा कहा कि संसद के वर्तमान मानसून सत्र को सामाजिक न्याय सत्र के रूप में जाना जायेगा। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने इस अवसर पर अगस्त क्रांति और 1942 में महात्मा गांधी द्वारा शुरू किये गए भारत छोड़ो आंदोलन का भी जिक्र किया तथा इस परिपेक्ष में संसद द्वारा इस महीने पारित होने वाले विधेयकों के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित किया।
बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक में प्रधानमंत्री ने 2014 में भाजपा की जीत के बाद दिये गए भाषण को याद किया जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार गांव, गरीब और पिछड़े वर्गो को सर्मिपत होगी और ये विधेयक इसी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। कुमार ने कहा कि एक ऐतहिसिक विधेयक पारित हुआ और एक अन्य अगले एक..दो दिन में पारित होने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि भाजपा संसदीय पार्टी की बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि कई दशकों से समाज के वंचित वर्गों को इसका इंतजार था। संसद ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने संबंधी विधेयक पारित किया है जो देश भर में ओबीसी समुदाय को मजबूत बनायेगा।
PM has decided we’ll celebrate’Smajaik nyay pakhwada’from 15-31 Aug, we’ll go to every part of India&make people aware of decisions we made for social justice&safety.From next yr BJP will celebrate Social Justice week from 1-9 Aug every yr: A Kumar after BJP Parliamentary meeting pic.twitter.com/MPxKx0ZBBG
— ANI (@ANI) August 7, 2018
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने एससी, एसटी संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित होने को महत्वपूर्ण पहल बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति एवं समाज के वंचित वर्गों के समग्र विकास की जरूरत है और उनकी सरकार इस दिशा में काम कर रही है । इन कार्यों में इन वर्गों का सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक, राजनीतिक और बौद्धिक सशक्तिकरण शामिल है।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने पार्टी नेताओं और सांसदों से सरकार के इन कार्यों को जनता के समक्ष मजबूती से रखने को कहा । उन्होंने सत्र समाप्त होने के बाद पार्टी सांसदों से अपने अपने क्षेत्रों में इन कार्यों को सक्रियता से एवं मुखर होकर पेश करने को कहा। सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और ओबीसी समुदाय के नेता हुकुमदेव नारायण यादव ने अपनी बात रखी। उल्लेखनीय है कि लोकसभा ने कल अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां अत्याचार निवारण संशोधन विधेयक 2018 को मंजूरी दे दी थी । सरकार ने जोर दिया था कि भाजपा नीत सरकार हमेशा आरक्षण की पक्षधर रही है और कार्य योजना बनाकर दलितों के सशक्तिकरण के लिये काम कर रही है।
लोकसभा में कल लगभग छह घंटे तक हुई चर्चा के बाद सदन ने कुछ सदस्यों के संशोधनों को नकारते हुए ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी। कल ही राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक को भी संसद की मंजूरी मिल गयी। राज्यसभा ने इससे संबंधित ‘संविधान (123वां संशोधन) विधेयक को 156 के मुकाबले शून्य मतों से पारित कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।