Maharashtra Mahayuti Eknath Shinde: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद महायुति गठबंधन में शामिल बीजेपी और एनसीपी एक अहम रणनीति पर काम कर रही हैं। अगर वह अपनी रणनीति को सिरे चढ़ा पाईं तो महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) को लगभग खत्म कर सकती हैं।

महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं। महायुति गठबंधन को 230 सीटों पर जीत मिली है। बीजेपी ने अकेले दम पर ही 132 सीटें जीत ली हैं जबकि उसके सहयोगी दलों – एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं। जबकि MVA को भारी झटका लगा है। शिवसेना (यूबीटी) को 20, कांग्रेस को 16 और एनसीपी (शरद पवार गुट) को केवल 10 सीटें मिलीं।

महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इसे लेकर अभी सस्पेंस खत्म नहीं हुआ है लेकिन अब एक बड़ी जानकारी महाराष्ट्र की राजनीति से यह सामने आई है कि बीजेपी और एनसीपी चाहती हैं कि अगर एकनाथ शिंदे नई सरकार में उपमुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते तो उन्हें विपक्ष के नेता का पद दे दिया जाए। यह जानकारी निश्चित रूप से हैरान करने वाली है क्योंकि अगर एकनाथ शिंदे इसके लिए राजी हो जाते हैं तो MVA के पास महाराष्ट्र में कुछ भी नहीं रह जाएगा।

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विधानसभा में कमजोर हो जाएगी MVA की आवाज

बीजेपी और एनसीपी के लिए यह रणनीति इसलिए भी कारगर साबित हो सकती है क्योंकि अगर शिंदे विपक्ष के नेता बने तो विधानसभा में MVA की आवाज बहुत कम हो जाएगी और सरकार को हर दिन होने वाली आलोचना का सामना भी नहीं करना पड़ेगा। विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद मुख्यमंत्री के बाद दूसरा सबसे बड़ा पद होता है।

एनसीपी के एक प्रवक्ता ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि बीजेपी चाहती है कि एकनाथ शिंदे सरकार का हिस्सा बनें लेकिन वह देवेंद्र फडणवीस के नीचे काम करने के लिए तैयार नहीं हैं। MVA में शामिल दलों में से किसी के पास भी इतने विधायक नहीं हैं कि वह नेता विपक्ष के पद पर दावा कर सकें हालांकि वह मिलकर अगर दावा पेश करें तो विपक्ष के नेता का पद हासिल कर सकते हैं।

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MVA करेगा इस पद पर दावेदारी

कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे का कहना है कि महाराष्ट्र की विधानसभा में नेता विपक्ष के पद पर दावा करने के लिए किसी भी पार्टी के पास कम से कम 29 विधायक होने चाहिए। उन्होंने कहा कि MVA इस पद के लिए दावा करेगा। लेकिन MVA में भी नेता विपक्ष का पद किसे मिलेगा, यह तय करना इतना आसान नहीं होगा क्योंकि कांग्रेस के साथ ही शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की एनसीपी भी इस पद के लिए दावा करेंगी।

एकनाथ शिंदे के समर्थक चाहते हैं कि उनके नेता ही महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनें लेकिन चूंकि भाजपा को चुनाव में प्रचंड बहुमत मिला है इसलिए वह मुख्यमंत्री की कुर्सी के मामले में अपना रूख साफ कर चुकी है। इससे पहले एकनाथ शिंदे ने कहा था कि मुख्यमंत्री पद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह जो भी फैसला लेंगे, वह उनका समर्थन करेंगे।

मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही खींचतान के बीच एकनाथ शिंदे अपने गांव चले गए थे और यह माना गया था कि वह नाराज हैं। इस बारे मे केंद्रीय मंत्री और एनडीए के सहयोगी रामदास अठावले ने क्या कहा है, क्लिक कर पढ़िए इस खबर में।