भारतीय बैंकों से तकरीबन साढ़े नौ हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेकर विदेश भागे शराब कारोबारी विजय माल्या एक बार फिर से भारत सरकार और जांच एजेंसियों के सामने गिड़गिड़ाए हैं। अपनी पेशकश पर सुध लेने के लिए गुहार लगाते हुए भगोड़े माल्या ने कहा है कि उनका ऑफर मान लिया जाना चाहिए, क्योंकि वह बैंकों से ली गई 100 फीसदी रकम को लौटाने के लिए राजी हैं। माल्या ने हालिया ऑफर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के संसद के निचले सदन लोकसभा में दिए एक बयान का हवाला दिया।
सात अगस्त, 2019 को ट्वीट कर कहा वित्त मंत्री के बयान के हवाले से लिखा, “इस देश (भारत) में कारोबार की नाकामी को अभिशाप नहीं माना जाना चाहिए। न ही इसे गिरा हुआ समझा जाना चाहिए। हमें इससे उलट आईबीसी कानून की मूल भावना के अनुरूप कर्ज की समस्या से निकलने के लिए कोई सम्मानजनक रास्ता या फिर हल उपलब्ध कराना चाहिए।”
फिलहाल, 63 वर्षीय माल्या को भारतीय कोर्ट ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ करार दे चुकी है। भगोड़े शराब कारोबारी पर भारतीय बैंकों से धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं, जबकि इन मामलों की कार्रवाई में माल्या को भारतीय एजेंसियों के हवाले कराने के लिए ब्रिटेन में प्रत्यर्पण की कार्रवाई चल रही है।
भगोड़े कारोबारी के मुताबिक, “यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान है। इसी भावना के साथ 100% हल की मेरी पेशकश को भी स्वीकार किया जाए।” उन्होंने इससे पहले देश की मशहूर कॉफी चेन ब्रांड ‘कैफे कॉफी डे’ के संस्थापक वी.जी.सिद्धार्थ की मौत पर बैंकों और सरकारी एजेंसियों को निशाना बनाया था और उन्हें क्रूर और निर्दयी करार दिया था।
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