Citizenship Amendment Act: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने आज एक बार फिर केरल में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 को लागू नहीं करने की बात को दोहराया है। साथ ही, उन्होंने इस मुद्दे पर कांग्रेस की चुप्पी पर सवाल खड़े किए हैं। बता दें कि उनकी पार्टी इंडिया गठबंधन में कांग्रेस की सहयोगी है, लेकिन विजयन ने सीएए अधिसूचित होने के बाद कांग्रेस के रुख की आलोचना की है।

सीएए पर ना तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कोई बात की है और ना ही राहुल गांधी ने कुछ बोला है। केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने कहा कि सीएए पर केरल न तो झुकेगा और न ही चुप रहेगा। यह बयान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा यह साफ किए जाने के बाद आया है कि राज्यों के पास सीएए लागू करने के लिए कोई ऑप्शन नहीं है क्योंकि नागरिकता केंद्र का विषय है।

कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने आज कहा कि केरल के सीएम भारत के लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं क्योंकि यह भारत में हर जगह लागू होगा। विजयन ने कांग्रेस पर सीएए के खिलाफ संयुक्त मोर्चे से पीछे हटने का आरोप लगाया। विजयन ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून भारत के विचार के लिए चुनौती है और धार्मिक भेदभाव को वैधता देता है।

अमित शाह ने कहा- राज्यों के पास अधिकार नहीं

नागरिकता संशोधन कानू्न को गृह मंत्रालय ने सोमवार को अधिसूचित किया था। इसके बाद विपक्षी दलों के नेता ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, एमके स्टालिन और पिनाराई विजयन ने विरोध किया। केंद्रीय गृह मंत्री ने एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि सीएए मोदी सरकार लेकर आई है और इसे रद्द करना नामुमकिन है। उन्होंने विपक्षी नेताओं से सवाल करते हुए कहा कि क्या आपके पास यह अधिकार है कि आप इसे लागू करने से इनकार कर सकते हैं? वे यह भी समझते हैं कि उनके पास अधिकार नहीं हैं। हमारे संविधान में नागरिकता के संबंध में कानून बनाने का अधिकार केवल संसद को दिया गया है। यह केंद्र का विषय है।

सीएए के खिलाफ केरल विधानसभा में प्रस्ताव पारित

जैसे ही सीएए को 11 मार्च को अधिसूचित किया गया, सीएम पिनाराई विजयन ने एक बयान जारी कर इसकी निंदा की। केरल सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाली पहली विधानसभा थी। केरल सरकार ने ऐलान किया था कि एनपीआर राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। एलडीएफ सरकार ने कई बार कहा है कि सीएए जो मुस्लिम अल्पसंख्यकों को दोयम दर्जे का मानता है, उसे राज्य में लागू नहीं किया जाएगा।