नूपुर शर्मा को टारगेट करने की कई साजिशों के पर्दाफाश हो रहे हैं। बिहार की फुलवारी शरीफ में गिरफ्तारियों के बाद कई सनसनीखेज जानकारियां सामने आईं हैं। जांच एजेंसी को पीएफआई के इंटरनेशनल यूनिट का पता चला है जिसका हेडक्वार्टर कतर की राजधानी दोहा में है। नूपुर शर्मा को कतर से भी जान से मारने की धमकियां मिली हैं। इस बात का भी पता चला है कि कतर की पीएफआई यूनिट भारत में पीएफआई कैडर्स को आर्थिक मदद से लेकर ट्रेनिंग के लिए गाइडेंस भी देती है।

कतर के पीएफआई के लिए काम करने वाले लोग बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ से पकड़े गए हैं ये लोग अतहर, परवेज और दूसरे संदिग्ध आतंकियों के संपर्क में थे। इस गिरफ्तारी से इस बात का खुलासा हुआ कि इंटरनेशनल फंडिंग और कई तरह की मदद लेकर पीएफआई के कैडर देश में बड़ी आतंकी साजिश की तैयारी कर रहे हैं। आपको हम समझाते हैं कि कैसे कतर में बैठे पीएफआई के आका भारत में किसी घटना को अंजाम दे देते हैं। कतर की राजधानी दोहा में पीएफआई का हेडक्वार्टर है जहां से पीएफआई कैडर्स को साइबर और ऑर्म्स एक्टीविटी के लिए मदद पहुंचाई जाती है।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को जान से मारने की धमकी

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को भी जान से मारने की धमकी मिली है। गिरिराज सिंह के पास विदेश से दो बार धमकी भरा फोन आ चुका है। गिरिराज सिंह ने इस बात की जानकारी आईबी के अधिकारियों को दे दी थी। आपको बता दें कि गिरिराज सिंह ने इसके पहले इस्लामिक संगठन पीएफआई को बैन करने की मांग की थी और अब उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही है। इंडिया टीवी के मुताबिक गिरिराज सिंह ही नहीं बल्कि बीजेपी के कई नेता इस समय आतंकियों के निशाने पर हैं। इसमें बिहार बीजेपी के कई नेता भी शामिल हैं इसकी जानकारी केंद्रीय गृहमंत्रालय ने दी है।

दोहा में PFI के लिए काम करते हैं भारत के दो मुसलमान

दोहा से पीएफआई के लिए काम करने वाले दो महत्वपूर्ण शख्स हैं जिनमें से एक का नाम अब्दुल अजीम है तो दूसरे का नाम केएम आरिफ। अब्दुल अजीम हैदराबाद का रहने वाला है तो वहीं केएम आरिफ केरल का रहने वाला है। दोहा की पीएफआई यूनिट फुलवारी शरीफ में पकड़े गए आतंकी अतहर के संपर्क में भी थी। ये हमें याद रखना होगा इसीलिए बार-बार इस बात का जिक्र किया जा रहा है कि नूपुर शर्मा की हत्या की धमकी या इससे जुड़ी हुई जितनी घटनाएं हैं उनमें पीएफआई का रोल नजर आता है।

PFI कैडर्स को ट्रेनिंग में बताते हैं कहां वार करने से जल्दी मौत होती है

पीएफआई के सभी कैडर्स को इस बात की ट्रेनिंग दी जा रही थी कि शरीर के किस भाग में कैसे हमला किया जाए कि सामने वाले की जल्दी से जल्दी मौत हो जाए। चाकू कहां मारना है, डंडे से कहां मारना है, रॉड से कहां हमला करना है और अगर आपके पास कोई हथियार नहीं है तो किस जगह पर पंच मारने से जल्दी इंसान की मौत हो सकती है ये भी सिखाया जा रहा था। पुलिस का दावा है कि जांच पूरी होने के बाद अब पुलिस आगे का खुलासा करेगी। पुलिस ने बताया, ‘ट्रेनिंग कैंप तो हुए हैं हमें बहुत सारे ट्रेनिंग कैंप्स का पता चला है। हम लोग उस ट्रेनिंग के पार्टिसिपेंट्स के बारे में भी पता कर रहे हैं। बहुत जल्दी हम लोग उन तक पहुंचेंगे।’

लोगों को गुमराह कर रही है PFI

पुलिस ने पीएफआई के बारे में काफी सबूत इकट्ठा कर लिए हैं। पुलिस ने बताया कि पीएफआई स्कूलों और मदरसों में स्पोर्ट्स और डिबेट के नाम से टैलेंट सर्च अभियान चलाता है। इसके अलावा वो हैप्पी फैमिली नेशन प्रोग्राम के नाम से भी कार्यक्रम ऑर्गनाइज करता है। इन कार्यक्रमों में लोगों को गुमराह करके लाया जाता है और उनको लड़ाई की ट्रेनिंग, हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है। इन सब का मकसद एक ही है कि भारत को इस्लामिक देश बनाना।