पेट्रोलियम का खुदरा कारोबार करने वाली सरकारी कंपनियों के पेट्रोल और डीजल के भावों में लगातार छठे रविवार को वृद्धि दर्ज की गई। ताजा बढ़ोतरी से राजस्थान में पेट्रोल और डीजल के भाव क्रमश: 99 रुपये और 91 रुपये प्रति लीटर से अधिक हो गए हैं।

वैश्विक बाजारों में तेजी के बाद स्थानीय कंपनियों ने रविवार को पेट्रोल 29 पैसे और डीजल 32 पैसे प्रति लीटर महंगा कर दिया। इसके साथ राज्यस्तरीय करों को मिला कर ईंधन की खुदरा कीमतें नए रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। दिल्ली में पेट्रोल 88.73 और डीजल 79.06 के भाव पर पहुंच गया है।

राजस्थान में वैट सबसे ज्यादा, पेट्रोल 100 के करीब: राजस्थान में पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट की दरें सबसे अधिक है। इसके असर से श्रीगंगानगर में पेट्रोल 99.29 और डीजल 91.17 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया। राजस्थान ने पिछले महीने के अंतिम दिनों में पेट्रोल और डीजल पर वैट दो रुपये प्रतिलीटर कम किया था। इसके बावजूद वहां राज्य में वैट की दर 36 प्रतिशत और प्रति लीटर 1500 रुपये के सड़क उपकर के चलते सबसे अधिक है। राज्य में डीजल पर 26 रुपये प्रति किलो लीटर के राज्य स्तरीय कर के अलावा 1,750 रुपये प्रति किलो लीटर का सड़क उपकर लगता है।

प्रीमियम पेट्रोल की कीमत 100 के पार: राजस्थान के श्रीगंगानगर में प्रीमियम पेट्रोल रविवार को 102.07 रुपये और प्रीमियम ग्रेड डीजल 94.83 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक रहा था। वहीं, दिल्ली में प्रीमियम पेट्रोल 91.56 रुपये और प्रीमियम डीजल 82.35 रुपये के भाव पर है। मुंबई में सामान्य पेट्रोल और डीजल की दरें क्रमश: 95.21 और 86.04 और प्रीमियम उत्पादों की दरें क्रमश: 97.99 और 89.27 रुपये लीटर हैं।

मध्य प्रदेश में रिकॉर्ड दरों पर पेट्रोल: मध्य प्रदेश के भोपाल में पावर पेट्रोल 100.04 रुपए प्रति लीटर की दर पर से बेचा गया। यहां पुराने पेट्रोल पंपों को बिक्री रोकनी पड़ी क्योंकि दाम तीन डिजिट में पहुंचे तो मशीनों में डिस्प्ले होने बंद हो गए। स्थानीय खबरों के अनुसार अगर सादा पेट्रोल के दाम भी 100 रुपए लीटर तक पहुंच गए तो कई पेट्रोल पंपों को बिक्री रोकनी पड़ेगी। शनिवार को भोपाल में सादा पेट्रोल की कीमत 96.37 रुपए रही।

छह दिन में कितना महंगा हुआ पेट्रोल-डीजल?: लगातार छह दिन की बढ़ोतरी से पेट्रोल 1.80 रुपये और डीजल 1.88 रुपये महंगा हो चुका है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने पेट्रोलियम उत्पादों के दामों में बढ़ोतरी की आलोचना करते हुए सकरार से इन पर कर तत्काल कम किए जाने की मांग की है। हालांकि, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को संसद में कहा था कि पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क घटाने का फिलहाल कोई विचार नहीं है।

वैश्विक बाजार में कोविड संकट के बाद पहली बार कच्चे तेल का भाव 61 डालर प्रति बैरल तक चला गया है। भारत को पेट्रोलियम ईंधन की जरूरत के लिए 80 प्रतिशत आयात पर निर्भर करना पड़ता है। केंद्र पेट्रोल पर प्रति लीटर 32.9 रुपये और डीजल पर प्रति लीटर 31.80 रुपये उत्पाद शुल्क लगा रही है।