ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक याचिका दाखिल की गई है। याचिका में ट्रेन हादसे की जांच सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले विशेषज्ञ पैनल से कराने की मांग की गई है। बालासोर ट्रेन दुर्घटना (Balasore train accident) में दो यात्री ट्रेनें और एक मालगाड़ी आपस में टकरा गई, जिसके कारण 288 लोगों की जान गई है जबकि 1,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
याचिका में की गई ये मांग
दायर की गई याचिका में सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल प्रभाव से भारतीय रेलवे में कवच सुरक्षा प्रणाली नामक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (Automatic Train Protection) प्रणाली को फिट करने के लिए दिशानिर्देश देने की मांग की गई है। लोको पायलट द्वारा स्पीड को संभालने में विफल रहने की स्थिति में ‘कवच’ स्वचालित रूप से ब्रेक लगाकर ट्रेन की गति को नियंत्रित करता है।
अधिवक्ता विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इस याचिका में मांग की गई है, “रेलवे प्रणाली में वर्तमान जोखिम और सुरक्षा मापदंडों का विश्लेषण और समीक्षा की जाए रेलवे सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए व्यवस्थित सुरक्षा संशोधनों को लेकर सुझाव दिए जाए उच्चतम न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ आयोग का तुरंत गठन हो, जिसमें तकनीकी सदस्य शामिल हों।”
बता दें कि ट्रेन हादसे पर प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि बालासोर जिले के बहानागा बाजार स्टेशन पर तीन अलग-अलग पटरियों पर बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी में टक्कर हुई। शुक्रवार शाम हुए हादसे में इन दोनों पैसेंजर ट्रेनों के 17 डिब्बे पटरी से उतर गए और क्षतिग्रस्त हो गए।
यात्रियों का इलाज भुवनेश्वर के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा
ओडिशा ट्रेन हादसे में घायल यात्रियों का इलाज भुवनेश्वर के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। दिल्ली एम्स से भी स्पेशल डॉक्टरों की टीम ओडिशा पहुंची है। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया भी ओडिशा में मौजूद हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 100 से अधिक मरीजों को क्रिटिकल केयर की जरूरत है और सरकार उनके लिए पूरी व्यवस्था कर रही है।