महाराष्ट्र में शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी दल के बैनर तले सरकार का गठन किया है। इस गठबंधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इसे असंवैधानिक करार देने की मांग की गई थी। आज सर्वोच्च अदालत ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे खारिज कर दिया। बता दें कि यह याचिका अखिल भारतीय हिंदू महासभा के प्रवक्ता प्रमोद पंडित जोशी द्वारा दाखिल की गई थी। अपनी याचिका में प्रमोद पंडित जोशी ने महाराष्ट्र में चुनाव बाद के गठबंधन को असंवैधानिक करार देने की मांग की थी।

आज इसे खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “हमसे उन क्षेत्रों में जाने की उम्मीद ना करें, जहां कोर्ट का अधिकार क्षेत्र नहीं है। राजनैतिक पार्टियों को अपने वादों को पूरा करना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि पार्टियां अपने वादे पूरे करेंगी, लेकिन अगर वह नहीं करती हैं तो हम इसमें कुछ नहीं कर सकते।” बता दें कि शिवसेना ने अपनी पुरानी सहयोगी पार्टी भाजपा के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था। दोनों पार्टियों को चुनाव में बहुमत भी मिला था, लेकिन सीएम पद को लेकर दोनों पार्टियों की बीच सहमति नहीं बन पायी थी, जिसके चलते दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया था।

चुनावों के बाद शिवसेना ने विपक्षी पार्टियों एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन किया। तीनों पार्टियों के इस गठबंधन को ही महा विकास अघाड़ी नाम दिया गया। फिलहाल महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार बन चुकी है और उद्धव ठाकरे बतौर सीएम शपथ ले चुके हैं।

 

बता दें कि महा विकास अघाड़ी ने अपना कॉमन मिनिमम प्रोग्राम भी जारी किया है। इस कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में किसानों की कर्ज माफी और उन्हें तत्काल मदद देने का जिक्र है। इसके साथ ही किसानों को दिए जाने वाले इंश्योरेंस योजना में भी बदलाव किए जाने की बात कही गई है। साथ ही सूखा प्रभावित इलाकों में पानी का सिस्टम दुरुस्त करने की बात और बेरोजगारी पर ध्यान देने का जिक्र है। साथ ही महिला सुरक्षा, शिक्षा में गुणवत्ता आदि को भी शामिल किया गया है।