शीना बोरा हत्याकांड में शुक्रवार को नया मोड़ आया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने शीना बोरा की हत्या की प्रमुख अभियुक्त इंद्राणी मुखर्जी के वर्तमान पति और स्टार टीवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रहे पीटर मुखर्जी पर शीना बोरा की हत्या के षड्यंत्र में शामिल होने और इंद्राणी को बचाने का आरोप लगाया। सीबीआइ ने मुखर्जी को विशेष अदालत में पेश कर 23 नवंबर तक रिमांड पर लिया। दूसरी ओर अदालत ने शीना बोरा की हत्या के आरोपियों इंद्राणी मुखर्जी, इंद्राणी के पूर्व पति संजीव खन्ना और इंद्राणी के ड्राइवर रहे श्यामवर राय की न्यायिक हिरासत की अवधि तीन दिसंबर तक बढ़ा दी।

शीना बोरा की 2012 में हुई हत्या के आरोप में पुलिस ने 21 अगस्त को राय, 25 अगस्त को इंद्राणी और 26 अगस्त को खन्ना को गिरफ्तार किया था। तीनों आरोपी इस समय जेल में हैं। दूसरी ओर सीबीआइ ने गुरुवार को गिरफ्तार किए गए पीटर मुखर्जी को शुक्रवार अदालत में पेश किया। सीबीआइ ने अदालत में कहा कि पीटर अपनी पत्नी इंद्राणी मुखर्जी के साथ शीना बोरा की हत्या के षड्यंत्र में शामिल था और उसने सक्रिय तौर पर हत्या के षड्यंत्र में सहयोग दिया। वह शीना बोरा की हत्या से पहले और हत्या के बाद में लगातार इंद्राणी के संपर्क में रहा। दोनों के बीच हुई बातचीत का ब्योरा सीबीआइ के पास उपलब्ध है। सीबीआइ ने पीटर पर भादवि की धारा, 302, 120 बी, 206, 201 और 364 के तहत मामला दर्ज किया है।

सीबीआइ द्वारा पीटर की गिरफ्तारी ने मुंबई पुलिस की भूमिका पर सवालिया निशान लगाने शुरू कर दिए हैं। सितंबर के पहले सप्ताह में खार पुलिस ने पूर्व पुलिस आयुक्त राकेश मारिया के नेतृत्व में इंद्राणी, खन्ना, राय, इंद्राणी के बेटे मिखाइल, पीटर के बेटे राहुल और पीटर से घंटों पूछताछ की थी। पीटर के बयानों में तब भी विसंगतियां नजर आ रही थीं। मगर पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया था। पेण के जंगलों में शीना बोरा का शव मिलने के बाद स्थानीय पुलिस ने जांच में लापरवाही दिखाई थी।

पूछताछ के दौरान ही रायगढ़ के तत्कालीन उपविभागीय पुलिस अधिकारी प्रदीप चव्हाण, पेण पुलिस इंस्पेक्टर सुदेश मिरगे और पुलिस अधीक्षक आरडी शिंदे की लापरवाही स्पष्ट रूप से सामने आई थी। उनकी जांच के आदेश भी जारी किए गए थे और कोकण क्षेत्र के आइजी प्रशांत बुराडे ने जांच भी की थी। मगर अभी तक उन पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है। माना जा रहा है कि सीबीआइ चार्जशीट में कुछ पुलिस अधिकारियों के नाम भी शामिल कर सकती है, जिन्होंने हत्याकांड की जांच को लटकाने में अहम भूमिका निभाई।

इंद्राणी, खन्ना और श्यामवर ने पेण के जंगल में शीना बोरा का शव पेट्रोल डालकर जलाया था। इस अधजले शव की सूचना स्थानीय पुलिस को मिली थी। स्थानीय पुलिस ने जांच शुरू की थी, मगर तभी एक बड़े नेता (जिसका निधन हो चुका है) का फोन आया था जिसके बाद आधी लिखी प्राथमिकी फाड़ कर फेंक दी गई थी।

राहुल मुखर्जी से भी पूछताछ: गुरुवार को ही सीबीआइ ने पीटर मुखर्जी के बेटे राहुल को पूछताछ के लिए बुलाया और लगभग 12 घंटे पूछताछ की। सीबीआइ ने पीटर से शीना के साथ उसके रिश्तों, शीना के गुम होने के बाद की स्थितियों के बारे में पूछताछ की।