उपराज्यपाल कार्यालय के अधिकारियों के मुताबिक यह अनुमति शोरा के खिलाफ 2019 में दर्ज एक प्राथमिकी से संबंधित है। वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की शिकायत पर नई दिल्ली में विशेष प्रकोष्ठ थाने में भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 153 ए के तहत शोरा के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया था।

अधिकारियों के मुताबिक जेएनयूएसयू की पूर्व नेता पर अपने ट्वीट के माध्यम से विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देने और सौहार्द बिगाड़ने वाले कार्यों में शामिल होने का आरोप है। उपराज्यपाल के कार्यालय ने कहा कि अभियोजन स्वीकृति का प्रस्ताव दिल्ली पुलिस द्वारा पेश किया गया था और यह दिल्ली सरकार के गृह विभाग द्वारा समर्थित था। जिसे उपराज्यपाल ने अपनी स्वीकृति प्रदान की है।